प्रदेश
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल लोकसभा में हुआ पेश, मुस्लिम समुदाय में उत्साह, पटाखे फोड़कर जताई खुशी…
रायपुर। वक्फ संशोधन बिल के लोकसभा में पेश होने पर मुस्लिम समुदाय में काफी उत्साह देखा गया. समुदाय के लोगों ने घड़ी चौक पर आतिशबाजी कर जश्न मनाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया. लोगों ने पटाखे फोड़कर एक-दूसरे को बधाई दी और कहा कि अल्पसंख्यकों के हित में यह एक बड़ा कदम है, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए. साथ ही, उन्होंने विरोध करने वालों को कांग्रेसी मानसिकता का बताया और मोदी जी के समर्थन में नारे लगाए.
बीजेपी प्रवक्ता तौकीर रजा ने जानकारी देते हुए कहा कि सभी इस बिल के समर्थन में हैं, जबकि कांग्रेस इसका विरोध कर रही है. वे लोग नहीं चाहते कि ऐसा कठोर बिल बने, वे विपरीत माहौल बनाने के लिए इस बिल का विरोध कर रहे हैं. जब यह कानून बनेगा, तब उसकी स्थिति अलग होगी.
जो लोग पहले कानून का मजाक बनाते थे, उनके लिए मोदी जी ने इस बिल के जरिए एक सख्त कदम उठाया है. अतिक्रमण कर जमीनों पर कब्जा जमाने वालों को हटाने की कोशिश प्रधानमंत्री मोदी ने की है, और इसी उद्देश्य से वक्फ का यह बिल लाया गया है. राजस्व मामलों में कलेक्टर से बेहतर कोई नहीं समझ सकता, इसलिए इस बिल में उनकी भूमिका अहम होगी.
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए दो महिलाओं को समिति में शामिल करने का निर्णय स्वागत योग्य है. इसके अलावा, सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को भी इस बिल में शामिल किया गया है. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय सच्चर कमेटी की रिपोर्ट आई थी, लेकिन उन्होंने इसे लागू करने की कोई कोशिश नहीं की. आज पीएम मोदी जो कहते हैं, वह कर के दिखाते हैं.
हमारा नारा “सबका साथ, सबका विश्वास” इसी भावना को चरितार्थ करता है, और विकास की गाथा लिखने की कोशिश की जा रही है. कांग्रेस ने कभी भी अल्पसंख्यकों की शिक्षा और विकास के लिए गंभीर प्रयास नहीं किए, लेकिन इस बिल का छत्तीसगढ़ में सभी ने स्वागत किया है.
डॉ. जाऊलकर अस्पताल का ये खेल आया सामने, मिला नोटिस
रायपुर। बड़े शॉपिंग कॉम्पलेक्स में पार्किंग की व्यवस्था पर सख्ती बरतते हुए नगर निगम अब जुर्माने के साथ ही व्यवस्था बहाल करने के लिए काम्पलेक्स मालिक व संचालकों को अल्टीमेटम दे रहा है. इसी अभियान के चलते चौबे कॉलोनी एरिया में स्थित डॉक्टर जाऊलकर द्वारा अपनी बिल्डिंग की पार्किंग में स्प्राउट हॉउस कैफे खोल दिया है. इसे संज्ञान में लेते हुए जोन कमिश्नरी ने एक दिन का अल्टीमेटम देकर उन्हें पार्किंग सुनिश्चित करने कहा है. वहीं समता कालोनी मुख्य मार्ग में 5 दुकानों बीकानेर स्वीट्स, गोली फास्ट फूड, अपना मार्ट, जूसी फैक्ट्री और पोहे वाला को पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण सीलबंद कर दिया गया.
अभी शहर के चारों विधानसभा क्षेत्र में से केवल पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में विधायक राजेश मूणत की फटकार के बाद निगम का अमला हरकत में आया. इसी के चलते जोन 7 कमिश्नरी ने समता-चौबे कॉलोनी मेन रोड में सघन अभियान शुरू किया है. इसी प्रकार सुलभ दुग्ध भण्डार को पार्किंग की व्यवस्था अल्टीमेटम दिया और रोड की दूसरी ओर की दुकानों को भी पर्किंग व्यवस्था करने जोन 7 ने नोटिस दिया है. इसी प्रकार सफाई व्यवस्था बहाल करने के लिए कटोरा तालाब में पोहा पॉइंट दुकान को गन्दगी फैलाने पर तत्संबंधित दुकान के संचालक पर 5 हजार रुपए का जुर्माना किया और उन्हें भविष्य के लिए कड़ी चेतावनी दी गई.
भू-माफियाओं ने श्मशान की जमीन पर किया कब्जा, ग्रामीणों ने कलेक्टर से की बुलडोजर कार्रवाई की मांग
बलौदा बाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में भू-माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि अब वे श्मशान और चारागाह भूमि पर भी कब्जा करने से नहीं हिचक रहे. मामला भाटापारा विकासखंड के पाटन गांव का है, जहां अतिक्रमणकारियों ने श्मशान भूमि और चारागाह पर अवैध निर्माण कर लिया है. इससे ग्रामीणों को मृतकों के अंतिम संस्कार में परेशानी हो रही है, साथ ही मवेशियों के लिए भी चारागाह की जमीन नहीं बची है.
इस अतिक्रमण को हटाने के लिए 20 मार्च 2025 को ग्राम पंचायत में मुनादी कर आमसभा बुलाई गई थी, जिसमें 10 दिनों के भीतर कब्जा हटाने का निर्णय लिया गया. लेकिन तय समय बीत जाने के बावजूद कब्जा नहीं हटाया गया. जब ग्रामीणों ने खुद कब्जा हटाने की कोशिश की, तो अतिक्रमणकारियों ने गाली-गलौच कर विवाद खड़ा कर दिया.
ग्राम सरपंच टिकेश्वर वर्मा ने बताया कि गांव के ही 7-8 लोगों ने श्मशान और चारागाह की जमीन पर कब्जा कर रखा है. जब इसे हटाने की बात हुई, तो कब्जाधारियों ने ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार किया. इसके बाद ग्रामीणों ने कलेक्टर से मिलकर बुलडोजर कार्रवाई की मांग की.
देखें आवेदन की कॉपी:
गांव के बुजुर्ग टेकराम वर्मा ने चिंता जताते हुए कहा कि श्मशान घाट पर कब्जे के कारण अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं बची है, यहां तक कि मवेशियों को दफनाने की भी जगह खत्म हो गई है. वहीं, युवा योगेश वर्मा ने बताया कि अतिक्रमण के कारण गायों और अन्य मवेशियों के लिए चारागाह खत्म हो चुका है, जिससे ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द इस अवैध कब्जे को हटाकर सार्वजनिक भूमि को संरक्षित करे. अब देखना होगा कि प्रशासन कब तक ग्राम पाटन पहुंचकर अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई करता है. ग्रामीणों को उम्मीद है कि जल्द ही प्रशासनिक हस्तक्षेप से इस समस्या का समाधान होगा.
बलौदाबाजार आगजनी कांड : विधायक समेत सात अन्य आरोपी कोर्ट में हुए पेश
बलौदाबाजार। कलेक्ट्रेट आगजनी हिंसा मामले में आज अदालत में सुनवाई हुई. भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव समेत 7 अन्य पर दशहरा मैदान में उपस्थित होकर आगजनी कांड में उपस्थित लोगों को भड़काने का आरोप लगा है. इस आरोप को कोर्ट में आरोपियों ने अस्वीकार कर दिया. अब अभियोजन साक्ष्य की अगली पेशी होगी.
बता दें कि 10 जून को जैतखाम में तोड़फोड़ मामले को लेकर सतनामी समाज के प्रदर्शन के दौरान बलौदाबाजार में हिंसा भड़की थी. इस दौरान संयुक्त जिला कार्यालय भवन, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, तहसील कार्यालय सहित अन्य जगहों पर तोड़फोड़, आगजनी की घटनाएं हुई थी. इस पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत 13 एफआईआर दर्ज की है. इनमें से अपराध क्रमांक 386/2024 के मामले में भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव समेत 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज है, जिस पर आज सुनवाई के दौरान अभियोग की कार्रवाई की गई.
पूरी कार्रवाई राजनीति से प्रेरित : देवेंद्र यादव
जिला एवं सत्र न्यायालय के प्रथम अपर सत्र न्यायालय में पेश होने के बाद बाहर निकले विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है. न्याय पालिका पर पूरा भरोसा है. प्रदेश में आगे कांग्रेस की सरकार बन रही है, हमारी सरकार बनने पर इस केस को खत्म कर दिया जाएगा. वहीं शासन की तरफ से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक मुकुंद देशपांडे ने बताया कि अभियोग के बाद अब गवाही की कार्यवाही होगी. वहीं आरोपियों के अधिवक्ता अनादि शंकर मिश्रा ने बताया कि कलेक्ट्रेट जलाने के मामले में अदालत ने अभियोग पत्र जारी किया है, जिस पर आगामी सुनवाई में अब गवाही होगी.
नक्सली शांति वार्ता के लिए तैयार हैं तो इस पर विचार करे सरकार – दीपक बैज
रायपुर। नक्सलियों के शांति वार्ता के पत्र पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने सरकार को विचार करने की बात कही है. बैज ने कहा, शांति वार्ता के लिए नक्सलियों की ओर से ठोस निर्णय आया है तो इस पर विचार करनी चाहिए. किस स्थिति पर शांति वार्ता करना चाहते हैं, शांति वार्ता का मकसद क्या है, बस्तर की शांति के लिए क्या बेहतर हो सकता है, इस पर सरकार क्या सोचती है, यह निर्णय सरकार को करनी चाहिए. कहीं ऐसा तो नहीं कि सरकार अपनी वाहवाही लूटने के लिए प्रोपेगेंडा कर रही.
बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे के ठीक पहले माओवादियों ने पत्र जारी कर संघर्ष विराम और शांति वार्ता का आह्वान किया है. जवानों को भारी पड़ता देख सीपीआई केंद्रीय समिति ने भारत सरकार से ऑपरेशन कागर को रोकने का आग्रह किया है. साथ ही शांति वार्ता के लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं. नक्सलियों ने यह पत्र तेलगु भाषा में जारी किया है.
राजधानी रायपुर में तीन दिवसीय वृहद कला प्रदर्शनी, प्रदेश के 45 कलाकार करेंगे चित्र और शिल्प कला का प्रदर्शन
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 12 से 14 अप्रैल तक महंत घासीदास संग्रहालय में छत्तीसगढ़ प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप (CGPAG) द्वारा वृहद कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। तीन दिवसीय इस कला आयोजन में प्रदेश के 45 कलाकार चित्र और शिल्प कलाओं का प्रदर्शन करेंगे।
यह प्रदर्शनी सिर्फ एक कला आयोजन नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के कला संसार में एक दस्तक है. समकालीन कलाकारों की बेचैनी का आगाज है. जो कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के ढाई दशक बाद भी राज्य में कोई कला अकादमी नहीं है.
प्रदेशभर के 45 कलाकार की भागीदारी
प्रदर्शनी में शामिल 45 कलाकार राज्य के विभिन्न अंचलों और सांस्कृतिक परिवेश का प्रतिनिधित्व करेंगे. इस कला शिविर के माध्यम से कलाकार अपनी विशिष्ट कला शैली और सृजनशीलता को प्रस्तुत करेंगे.
डॉ. ध्रुव तिवारी और CGPAG के संयोजक जितेन साहू का कहना है कि राज्य में इस तरह की कला प्रदर्शनियों और शिविरों का आयोजन लगातार होते रहना चाहिए. इससे छत्तीसगढ़ अपनी कला संस्कृति में एक विशिष्ट पहचान बना सकेगा और स्थानीय कलाकारों को उचित मंच मिल सकेगा.
गृहमंत्री अमित शाह के दौरे से पहले नक्सलियों ने जारी किया पत्र, संघर्ष विराम और शांति वार्ता की अपील
जगदलपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे के ठीक पहले माओवादियों ने संघर्ष विराम और शांति वार्ता का आह्वान किया है. जवानों को भारी पड़ता देख सीपीआई केंद्रीय समिति ने भारत सरकार से ऑपरेशन कागर को रोकने का आग्रह किया है. साथ ही शांति वार्ता के लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं. नक्सलियों द्वारा यह पत्र तेलगु भाषा में जारी किया गया है.
बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 4 और 5 अप्रैल को दो दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ में रहेंगे। उससे ठीक पहले माओवादियों ने संघर्ष और शांतिवार्ता के लिए यह पत्र लिखा है. यह पत्र सीपीआई केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय ने जारी किया है.
पत्र में लिखी गई ये बातें :
संघर्ष विराम और शांति वार्ता के लिए अपील
• सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति ने मध्य भारत में युद्ध को तत्काल रोकने की मांग की है।
• वे शांति वार्ता को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत सरकार और भाकपा (माओवादी) दोनों से बिना शर्त संघर्ष विराम की मांग करते हैं।
सरकार का माओवाद विरोधी आक्रामक (‘कागर’ ऑपरेशन)
• भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर ‘कागर’ शुरू किया – माओवादी प्रभावित क्षेत्रों को लक्षित करने वाला एक गहन उग्रवाद विरोधी अभियान।
• ऑपरेशन के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर हिंसा, हत्याएं और बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां हुई हैं।
हताहत और मानवाधिकारों का उल्लंघन
• 400 से अधिक माओवादी नेताओं, कार्यकर्ताओं और आदिवासी नागरिकों की कथित तौर पर हत्या कर दी गई है।
• महिला माओवादियों को कथित तौर पर सामूहिक यौन हिंसा और फांसी के अधीन किया गया है।
• कई नागरिकों को गिरफ़्तार किया गया है और अवैध हिरासत और यातना के अधीन किया गया है।
शांति वार्ता के लिए माओवादी शर्तें
• प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों से सुरक्षा बलों की तत्काल वापसी।
• नए सैनिकों की तैनाती के लिए अंत।
• उग्रवाद विरोधी अभियानों का निलंबन।
सरकार के ख़िलाफ़ आरोप
• सरकार पर क्रांतिकारी आंदोलनों को दबाने के लिए आदिवासी समुदायों के ख़िलाफ़ “नरसंहार युद्ध” छेड़ने का आरोप है।
• नागरिक क्षेत्रों में सैन्य बलों का उपयोग असंवैधानिक होने का दावा किया जाता है।
सीपीआई (माओवादी) सार्वजनिक समर्थन के लिए कॉल
• माओवादी बुद्धिजीवियों, मानवाधिकार संगठनों, पत्रकारों, छात्रों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं से शांति वार्ता के लिए सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह करते हैं।
• बातचीत के लिए गति बनाने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियानों का अनुरोध किया जाता है।
शांति वार्ता के लिए माओवादी तत्परता
• यदि सरकार उनकी पूर्वापेक्षाओं से सहमत होती है तो वे बातचीत में शामिल होने की इच्छा व्यक्त करते हैं।
• सीपीआई (माओवादी) का कहना है कि जैसे ही सरकार सैन्य अभियान बंद कर देगी, वे युद्धविराम की घोषणा करेंगे।
तेज आवाज में बज रहे डीजे से गिरी छत, बच्चे की हुई मौत, घटना पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, राज्य सरकार से मांगा जवाब
बिलासपुर। बिलासपुर के मल्हार में शोभायात्रा के दौरान डीजे की तेज आवाज से बड़ा हादसा हो गया। जबरदस्त शोर के कारण एक मकान का छज्जा गिर गया, जिसमें चार बच्चों समेत 10 लोग घायल हो गए। इलाज के दौरान एक मासूम की मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए खुद संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस ने इसे जनहित याचिका मानकर बुधवार को सुनवाई तय की है। कोर्ट ने राज्य सरकार समेत सभी संबंधित पक्षों से जवाब मांगा है।
पहले भी दिए जा चुके हैं सख्त आदेश
गौरतलब है कि हाईकोर्ट पहले भी ध्वनि प्रदूषण और डीजे पर सख्त पाबंदी के आदेश जारी कर चुका है। इसके बावजूद नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए तेज आवाज में डीजे बजाए जा रहे हैं, जिससे कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
पुलिस ने दर्ज किया केस, आरोपी फरार
इस मामले में पुलिस ने डीजे संचालक, ड्राइवर और शोभायात्रा के आयोजनकर्ताओं के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है। डीजे संचालक और ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन आयोजन समिति के चार नामजद आरोपी अब भी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। अब देखने वाली बात होगी कि हाईकोर्ट इस मामले में क्या सख्त कदम उठाता है और क्या शासन-प्रशासन डीजे की मनमानी पर लगाम लगाने में सफल होगा या नहीं।
आय से अधिक संपत्ति का मामला : पंचायत विभाग के निलंबित ज्वॉइंट डायरेक्टर को नहीं मिली राहत, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
बिलासपुर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित ज्वॉइंट डायरेक्टर अशोक चतुर्वेदी की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। उन्होंने एसीबी की ओर से दर्ज आय से अधिक संपत्ति के केस को निरस्त करने के लिए याचिका लगाई थी। मामले की सुनवाई के दौरान एसीबी ने बताया कि सेवाकाल के दौरान अफसर की कुल आय 68 लाख रुपए थी, जबकि उनसे 31 करोड़ की चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज और सबूत मिले हैं।
पंचायत एवं ग्रामीण विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ एसीबी ने आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया है। इससे पहले एसीबी ने उनकी संपत्ति की जांच की थी, जिसके बाद उनके ठिकानों में छापेमारी भी की थी। जांच के बाद 28 अगस्त 2023 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(बी) और 13(2) के तहत अंतिम रिपोर्ट दाखिल की। यह मामला विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट), रायपुर की अदालत में ट्रायल पर है। आरोपी अफसर के खिलाफ साक्ष्य मिलने पर राज्य शासन ने उसे सस्पेंड कर दिया है। साथ ही एसीबी की टीम उसकी तलाश भी कर रही थी। इस बीच आरोपी अफसर ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को निरस्त करने की मांग की थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
बदले की भावना से दर्ज किया केस : याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि उनका रिकॉर्ड साफ है। वह जांच का सामना करने को तैयार है। आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने राजनीतिक दुर्भावना के चलते कार्रवाई की थी। पत्नी को एफआईआर में आरोपी नहीं बनाया गया था, लेकिन अंतिम रिपोर्ट में शामिल किया गया है। यह भी कहा गया कि बिना वैध पूर्व स्वीकृति के रिपोर्ट दाखिल की गई, जो कानून के खिलाफ है। मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप गंभीर है। आरोप पत्र दाखिल हो चुका है। जांच को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाना जरूरी है। इस आधार पर हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।
पेयजल की समस्या दूर करने बनाई गई कंट्रोल रूम, इन नंबरों पर कर सकते हैं शिकायत…
रायपुर। गर्मी के दिनों मैदानी स्तर पर पेयजल की समस्याओं के त्वरित निराकरण और जिले में पेयजल की सुचारू व्यवस्था बनाए रखने जिला स्तर और उपखंड स्तर पर कंट्रोल रूम का गठन किया गया है. आमजनों के लिए विभागीय टोल फ्री नं. 1800-233-0008 एवं कार्यालय के कंट्रोल रूम का फोन नं. 07771-2582223 जारी किया गया है। इन नंबरों में पेयजल की समस्या, हैंडपंप बिगड़ने की सूचना दर्ज करा सकते हैं।
जिला स्तर और उपखंड स्तर पर दल का गठन किया गया है, जिसमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खंड रायपुर के कंट्रोल रूम कार्यालय के प्रभारी अधिकारी आलोक जाधव, मानचित्रकार (सिविल) हैं। इसी तरह विकासखंड धरसीवा/तिल्दा की प्रभारी सहायक अभियंता रूक्मिणी सिंह, विकासखंड तिल्दा के प्रभारी उप-अभियंता अविनाश एक्का एवं ज्योति गुप्ता, विकासखंड धरसीवा के प्रभारी उप-अभियंता मिलनदास घृतलहरे एवं ज्योति गुप्ता हैं.
इसी तरह लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी भू-जल संवर्धन उपखंड, रायपुर के अंतर्गत विकासखंड अभनपुर-आरंग के प्रभारी दीपक कोहली, सहायक अभियंता को बनाया गया है। विकासखंड अभनपुर की प्रभारी सरिता महेश कुमार, उप-अभियंता, भानुजा सिंह एवं उपासना सुखदेवे है. विकासखंड आरंग की प्रभारी रानू दिनकर, उप-अभियंता एवं शुभ्रा बघेल उप-अभियंता को बनाया गया है।
बोर खनन पर लगी रोक, कलेक्टर ने जारी किया आदेश
रायपुर। गर्मी के दिनों में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में मंगलवार को कलेक्टर रायपुर, डॉ. गौरव सिंह ने बोर खनन पर पूर्णतः रोक लगाने का आदेश जारी किया है. जारी आदेश के अनुसार 15 जुलाई 2025 तक या मानसून के आगमन तक (दोनों तिथि में से जो बाद में आए) जलाभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है।
कलेक्टर ने कहा, छत्तीसगढ़ पेयजल अधिनियम 1986 के अंतर्गत रायपुर जिले में इस अवधि के दौरान समक्ष अधिकारी की पूर्वानुमति की बिना कोई नया नलकूप पेयजल अथवा पेयजल के अलावा किसी अन्य प्रयोजन के लिये खनन नहीं किया जा सकेगा. केंद्रीय भूजल बोर्ड के रिपोर्ट के अनुसार रायपुर जिले के विकासखंड (धरसींवा) भूजल के उपयोग के विषय पर क्रिटिकल जोन में आ चुका है.

जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए नलकूप खनन के लिए अनुमति प्रदान करने के लिए प्राधिकृत अधिकारी नियुक्ति किया जाता है, जिनमें एडीएम रायपुर, एसडीएम रायपुर, एसडीएम आरंग, एसडीएम अभनपुर और एसडीएम तिल्दा शामिल हैं. सभी अधिकारी संबंधित क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी/नगरीय निकाय/तहसील से रिपोर्ट प्राप्त कर नियमानुसार अनुमति प्रदान करेंगे.
महादेव सट्टा ऐप मामले में भूपेश बघेल के खिलाफ FIR दर्ज
रायपुर। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने महादेव बेटिंग एप मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आरोपी बनाया है. इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें भूपेश बघेल छठवें आरोपी के रूप में नामित हैं. कुल 21 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जिनमें महादेव एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल भी शामिल हैं.
पहले से ही चल रही थी जांच
CBI की एफआईआर में रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, असीम दास, सतीश चंद्राकर, चंद्रभूषण वर्मा और भीम सिंह को भी आरोपी बनाया गया है. एफआईआर में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आरोपी नंबर 6 के रूप में नामित किया गया है. संभावना जताई जा रही है कि CBI जल्द ही उनसे पूछताछ कर सकती है.
राजनीतिक हलचल तेज
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर आरोप है कि उन्होंने महादेव बेटिंग एप के प्रमोटरों से करीबी संबंध रखे और उन्हें संरक्षण दिया. CBI इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और अन्य आरोपियों की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है. इस मामले के सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मच गई है, और विपक्ष ने निष्पक्ष जांच की मांग की है.
ईओडब्ल्यू से CBI को सौंपी गई जांच
इस मामले की शुरुआत में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज की थी. बाद में राज्य सरकार ने इस केस को CBI को सौंप दिया, ताकि जांच को व्यापक स्तर पर किया जा सके और इसमें शामिल वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य आरोपियों की भूमिका स्पष्ट हो सके.
CBI की छापेमारी और बरामदगी
CBI ने इस मामले में विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें बड़ी मात्रा में डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य मिले हैं. जब्त किए गए दस्तावेजों में वित्तीय लेन-देन से जुड़े अहम रिकॉर्ड शामिल हैं. CBI की जांच अभी जारी है, और आने वाले दिनों में नए खुलासे होने की संभावना है.
इन लोगों के नाम शामिल:
1. भूपेश बघेल
2. सौरभ चंद्राकर
3. रवि उप्पल
4. असीम दास
5. सतीश चंद्राकर
6. चंद्रभूषण वर्मा
7. भीम सिंह
8. नीतिश दीवान
9. अनिल कुमार अग्रवाल उर्फअतुल अग्रवाल
10. विकास छापरिया
11. रोहित गुलाटी
12. विशाल आहुजा
13. धीरज आहुजा
14. अनिल दम्मानी
15. सुनील दम्मानी
16. यादव
17. हरीशंकर तिबरवाल
18. सुरेंद्र बागड़ी
19. सूरज चोखानी
20. शुभम सोनी।