प्रदेश
मानेसर दिल्ली की NSG टीम छत्तीसगढ़ में दे रही पीएसओ प्रशिक्षण, आपातकालीन परिस्थितियों से बचने के बता रहे तरीके
रायपुर। मानेसर (गुड़गांव) की एनएसजी टीम रायपुर में रहकर छत्तीसगढ़ के व्हीआईपी की सुरक्षा में लगे पीएसओ को कड़ा प्रशिक्षण दे रही है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अति. पुलिस महानिदेशक ( गुप्तवार्ता) आईपीएस अमित कुमार के प्रयास एवं मार्गदर्शन में चल रहा है. प्रथम बैच में 18 से 30 नवंबर तक बारह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्यभर के 100 से अधिक पीएसओ ने भाग लिया. NSG द्वारा राज्य के सभी पुलिस इकाई के वाहन चालकों को भी 6-6 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें आपातकाल में चालकों द्वारा किए जाने वाले ड्रील शामिल है.
प्रशिक्षण कार्यक्रम में आज होमगार्डस ग्राउंड माना में पीएसओ एवं पुलिस वाहन चालकों का संयुक्त अभ्यास NSG के नेतृत्व में कराया गया, जिसमें आपातकालीन परिस्थिति में वाहन चालकों एवं पीएसओ द्वारा क्या किया जाना है, इसे विस्तार से दिखाया एवं ड्रिल द्वारा समझाया गया. आज डेमो ड्रिल अभ्यास में अति. पुलिस महानिदेशक (गुप्तवार्ता) अमित कुमार स्वयं उपस्थित रहकर ड्रिल का सूक्ष्मता से अवलोकन किया. एडीजी (गुप्तवार्ता) के अतिरिक्त डेमो ड्रिल अभ्यास में व्हीआईपी सुरक्षा वाहिनी के कमाडेंट हरीश राठौर, पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय माना के पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिंज, सहायक पुलिस महानिरीक्षक (सुरक्षा) ज्ञानेन्द्र अवस्थी उपस्थित रहे। एनएसजी प्रशिक्षण दस्ते के मुखिया ग्रुप कमांडर राजीव पनवर और उनके सहायतार्थ 13 एनएसजी दल के सदस्य उपस्थित रहे.
एनएसजी के ग्रुप कमांडर ने की पुलिस जवानों की सराहना
अति. पुलिस महानिदेशक गुप्तवार्ता ने अपने आशीर्वचन में पुलिस में प्रशिक्षण के महत्व पर बल दिया. व्हीआईपी सुरक्षा में लगे जवानों को भविष्य में भी लगातार प्रशिक्षण दिए जाने पर जोर देते हुए एनएसजी को श्रेष्ठ प्रशिक्षण दल बताया. सेनानी व्हीआईपी सुरक्षा वाहिनी ने पूरे प्रशिक्षण कार्यक्रम और प्रशिक्षणार्थियों की संख्या आदि के बारे में बताया. ग्रुप कमांडर NSG राजीव पनवर ने राज्य के व्हीआईपी सुरक्षा में लगे प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पुलिस जवानों की सराहना की. पुलिस जवानों को धैर्य और समर्पण की भावना से प्रशिक्षण प्राप्त करने की बात कही. आज के डेमो कार्यक्रम में व्हीआईपी के काफिले में बाहरी आक्रमण होने पर पीएसओ द्वारा दिए जाने वाले प्रतिक्रिया के बारे में दर्शाया गया. डेमो कार्यक्रम के मंचीय कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन सहायक सेनानी निशांत शर्मा ने किया.
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों का कड़ाई से हो पालन: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में प्रदेश के सड़क सुरक्षा परिदृश्य, सड़क दुर्घटना के नियंत्रण के उपायों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने बैठक में कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के नियंत्रण के लिए दुपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट और चार पहिया वाहन चालकों के लिए सीट बेल्ट के उपयोग तथा वाहन चलाते समय सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए जनजागरूकता अभियान को प्रभावी ढंग से चलाया जाए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़कों पर ब्लैक स्पॉट के सुधार कार्य में तेजी लाने, जिला सड़क सुरक्षा समिति की नियमित बैठकें आयोजित करने, सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों के इलाज के लिए निर्माणाधीन ट्रामा स्टेब्लाईजेशन यूनिट्स का कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बैठक में परिवहन विभाग द्वारा तैयार कराया गया ‘‘बस संगवारी एप’’ लांच किया और परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा पर प्रकाशित पोस्टर का विमोचन किया।
बैठक में जानकारी दी गई कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के स्कूलों में कक्षा पहली से लेकर दसवीं तक के राज्य शैक्षणिक अनुसंधान परिषद की पाठ्यपुस्तकों में सड़क यातायात नियमों से संबंधित अध्याय पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। बैठक में बताया गया कि यातायात व्यवस्था का इलेक्ट्रॉनिक सर्विलेंस रायपुर, बिलासपुर और नवा रायपुर में किया जा रहा है। भिलाई और दुर्ग में यह व्यवस्था आंशिक रूप से संचालित है। सितंबर 2023 से अक्टूबर 2024 तक 101 ब्लैक स्पॉट और 748 जंक्शन के सुधार कार्य पूर्ण किए गए हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग करने पर सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु की संभावना 40 प्रतिशत तक कम हो सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि यातायात नियमों के उल्लंघन पर परिवहन विभाग द्वारा 6 लाख 70 हजार से अधिक तथा पुलिस विभाग द्वारा 4 लाख 87 हजार से अधिक चालानी कार्यवाही की गई है। 01 जनवरी 2023 से 31 अक्टूबर 2024 तक 7826 वाहन चालकों का लायसेंस निलंबित किया गया है। 8 दुर्घटनाजन्य क्षेत्रों राजनांदगांव, धरसींवा अभनपुर, पाली, सिमगा, सुकमा, बेमेतरा और पत्थलगांव में ट्रामा स्टेब्लाईजेशन यूनिट निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की गई है। 14 हजार 261 वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस, 72 हजार से अधिक वाहनों में स्पीड गवर्नर तथा 2200 बसों में पेनिक बटन लगाए गए हैं। बैठक में ब्लैक स्पॉट की पहचान, सुधार की कार्यवाही, सड़कों में यातायात संकेतक, होर्डिंग्स हटाने, फुटपाथ, पार्किंग, सर्विस लेन से अतिक्रमण हटाने आदि कार्यों की समीक्षा की गई।
बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, बसव राजू एस. और राहुल भगत, परिवहन विभाग के सचिव एस. प्रकाश, आबकारी सचिव आर. संगीता, एडीजी ट्रेफिक प्रदीप गुप्ता, अपर परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर उपस्थित थे। सभी संभागों के आयुक्त एवं पुलिस महानिरीक्षक वर्चुअली बैठक में शामिल हुए। अंतर्विभागीय लीड एजेंसी के अध्यक्ष एवं एआईजी ट्रेफिक संजय शर्मा ने बैठक में प्रेजेंटेशन दिया।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में उठाया पीएम स्वनिधि योजना का मुद्दा
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पीएम स्वनिधि योजना से पटरी दुकानदारों में आत्मनिर्भरता बढ़ रही है। यह कहना है कि सांसद बृजमोहन अग्रवाल का जिन्होंने छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री पथ विक्रेता आत्मनिर्भरता निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के प्रभाव और प्रगति को लेकर लोकसभा में अतारांकित प्रश्न के माध्यम से आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय से जानकारी मांगी थी। जिसपर विभागीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने जानकारी दी कि यह योजना राज्य के पटरी दुकानदारों के लिए आत्मनिर्भरता बढ़ाने का माध्यम बन रही है।
मंत्रालय से मिली जानकारी को साझा करते हुए श्री अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पीएम स्वनिधि योजना के तहत अब तक 87,565 लाभार्थियों को प्रथम ऋण के तहत 87.04 करोड़ रुपए की राशि वितरित की गई है। इसके साथ ही, प्रथम, द्वितीय और तृतीय ऋण के तहत कुल 1,25,267 लाभार्थियों को 181.82 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जा चुकी है।
इस योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ के पटरी दुकानदारों को न केवल आर्थिक सहायता मिली है, बल्कि उनकी आजीविका सुदृढ़ हुई है और आत्मनिर्भरता को बल मिला है। बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना छोटे व्यापारियों के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आर्थिक मजबूती प्रदान करने में मील का पत्थर साबित हो रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई यह योजना छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहन देने और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सल पीड़ित परिवारों को पुनर्वास नीति के तहत मिलेगा आवास : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत 15,000 आवासों की स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों और पीड़ित परिवारों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए यह पहल एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 15,000 आवास केवल मकान नहीं बल्कि उन परिवारों के लिए सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक हैं। हमारी सरकार इस योजना को पूरी पारदर्शिता और तत्परता के साथ लागू करेगी। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रदेश के विकास और शांति स्थापना की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने कहा कि नक्सल पीड़ित परिवारों और आत्मसमर्पित नक्सलियों को बेहतर जीवन देने के लिए हमारी सरकार संकल्पबद्ध है। पीड़ित परिवारों को आवास मिल जाने से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। यह योजना सामाजिक समरसता और विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगी।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि इस योजना में विशेष रूप से उन परिवारों को शामिल किया जाएगा जिनका नाम सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 और आवास प्लस 2018 की सूची में शामिल नहीं था। इन नामों को 6 दिसंबर 2024 तक आवास प्लस पोर्टल पर अपलोड करने की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा दी गई है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सल पीड़ित परिवारों हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास देने की स्वीकृति हेतु निवेदन किया था परिणामस्वरूप 15 हजार आवास की स्वीकृति भारत सरकार से दी गयी है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि इस विशेष परियोजना के तहत पुलिस अधीक्षक जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) जिला पंचायत को आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों की सूची प्रदान करेंगे। इसके बाद जिला पंचायत द्वारा इस सूची का सर्वेक्षण और सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन उपरांत कलेक्टर के माध्यम से लाभार्थियों के लिए भूमि का चिन्हांकन किया जाएगा। इसके आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशानिर्देशों के अनुरूप आवास निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होगी।
शासन की अभिनव पहल : रायपुर में 2025 तक घर-घर पहुंचेगी नेचुरल गैस, प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण में होगा सुधार
आज रायपुर जिला कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के निर्देशानुसार नगर निगम रायपुर के आयुक्त अविनाश मिश्रा ने भारत सरकार के उपक्रम गेल इंडिया लिमिटेड के उपमहाप्रबंधक निर्माण जे.के. पाण्डेय और रायपुर में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति घरों में किये जाने डिस्ट्रीब्यूशन लाइन बिछाने अधिकृत हरियाणा गैस एजेंसी के प्रबंधक राकेश रंजन, नगर निगम रायपुर के अधीक्षण अभियंता राजेश राठौर, कार्यपालन अभियंता अंशुल शर्मा की उपस्थिति में इस संबंध में चर्चा कर संबंधित अधिकारियों से योजना की आवश्यक जानकारी ली.
आयुक्त को गेल इंडिया लिमिटेड के अधिकारियों ने जानकारी दी कि मुंबई नागपुर झारसुगुड़ा प्राकृतिक गैस पाइप लाइन से रायपुर शहर क्षेत्र में घरों के लिए प्राकृतिक गैस आपूर्ति और शहर क्षेत्र में सीएनजी स्टेशन के माध्यम से वाहनों में प्राकृतिक ईंधन आपूर्ति की अभिनव योजना पर कार्य निरंतर प्रगति पर है. वर्ष 2025 के दौरान रायपुर शहर में प्राकृतिक गैस पाइप लाइन आपूर्ति से संबंधित योजना का व्यवहारिक क्रियान्वयन शासन के निर्देशानुसार करने की योजना है. इस योजना के राजधानी शहर रायपुर में क्रियान्वयन से शहर में प्रदूषण नियंत्रण का कार्य और अधिक प्रभावी तरीके से हो सकेगा एवं वायु गुणवत्ता में इससे शहर में सुधार क्रियान्वयन के माध्यम से दृष्टिगोचर हो सकेगा. इसके माध्यम से राजधानी शहर में पर्यावरण संरक्षण का कार्य प्रभावी तरीके से किया जा सकेगा.
घर-घर पहुंचेगी नेचुरल गैस कनेक्शन सुविधा
जानकारी दी गई कि वर्ष 2025 के दौरान भारत सरकार के उपक्रम गेल इंडिया लिमिटेड के माध्यम से बिछाई जा रही मुख्य प्राकृतिक गैस पाइप लाइन से वितरक लाइन रायपुर शहर क्षेत्र में इस के लिए अधिकृत हरियाणा गैस एजेंसी के माध्यम से बिछाकर लगभग 1 लाख घरों में सीएनजी गैस आपूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाकर कनेक्शन देने की योजना पर कार्य किया जा रहा है. इस के लिए प्राकृतिक गैस आपूर्ति पाइप लाइन बिछाकर घरों में की जायेगी एवं शहर में वाहनों में प्राकृतिक ईंधन आपूर्ति के लिए सीएनजी स्टेशन खोले जायेंगे. औद्योगिक क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस आपूर्ति करने का कार्य वर्ष 2025 के दौरान किये जाने की योजना पर कार्य प्रगति पर है. आयुक्त अविनाश मिश्रा ने संबंधित अधिकारियों को शासन की लोककल्याणकारी योजना का क्रियान्वयन का कार्य प्राथमिकता से सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है.
ऊर्जा और जल संरक्षण के विषय में क्रेडा ने किया कार्यशाला का आयोजन, 100 से अधिक किसान हुए शामिल …
रायपुर। क्रेडा विभाग द्वारा ऊर्जा और जल संरक्षण विषय पर प्रतिवर्ष किसानों की जागरूकता के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर ऊर्जा और जल संरक्षण के महत्व पर जागरूकता फैलाने और ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा संरक्षण में राष्ट्र की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाता है. इसी कड़ी में क्रेडा ने जागरूकता कार्यक्रम सह अर्द्धदिवसीय कार्यशाला का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र रायपुर में किया. जिसमें जिले के लगभग 100 किसानों ने हिस्सा लिया. कार्यशाला में लाईव पंप का डेमोंस्ट्रेशन भी किया गया और जागरूकता रैली भी निकाली गई.
इस अवसर पर आकाश शर्मा, जिला प्रभारी क्रेडा रायपुर ने छत्तीसगढ़ शासन के नेतृत्व और क्रेडा के सीईओ राजेश सिंह राणा के मार्गदर्शन में प्रदेश में ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में क्रियान्वित और संचालित की जा रही समस्त योजनाओं एवं प्रयासों की जानकारी दी गई. इसके अलावा समस्त कृषकों को ऊर्जा संरक्षण के बारे में जानकारी देते हुए उच्च ऊर्जा दक्षता और स्टार रेटेड पंपों और उपकरणों के उपयोग के विषय में जानकारी भी दी और वैश्विक स्तर पर भारतीय मानक ब्यूरों के दिशा निर्देशों के बारे में बताया गया.
कार्यशाला में समस्त कृषकों को सौर सुजला योजना, पी.एम. सूर्यधर मुफ्त बिजली योजना, बायोगैस कार्यक्रम और क्रेडा द्वारा विकसित सौर समाधान ऐप जिसका विमोचन मुख्यमंत्री ने दिनांक 18.112024 को किया गया है, इसकी जानकारी भी दी गई. इस ऐप के माध्यम से प्रदेश अंतर्गत सौर ऊर्जा से संबधित समस्त परियोजनाओं की जानकारी प्रदेश की जनता को उपलब्ध होगी, साथ ही प्रदेश अंतर्गत क्रेडा द्वारा स्थापित समस्त सौर संयंत्रों के प्रभावी संचालन/संधारण और मॉनिटरिंग भी किया जाएगा. इस ऐप को गुगल प्ले स्टोर में सौर समाधान-CGCREDA लिखकर डाऊनलोड किया जा सकता है.
कार्यशाला में इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय रायपुर के डीन जी के दास, आकाश शर्मा क्रेडा जिला प्रभारी रायपुर, गौतम रॉय प्रोजेक्ट हेड और साइंटिस्ट, प्रियंका पचौरी प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर, आदित्य बघेल सहायक अभियंता, नाथूराम महावी उप अभियाग, सुनील कुमार टोप्पो उप अभियंता और अन्य वार्मचारी गण उपस्थित रहे.
ग्रामीणों ने रोका रेल विस्तार का काम, गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
कोरबा। रेल विस्तार से खराब हुई सड़क को लेकर मड़वाढोढा के पास ग्रामीणों ने माकपा के नेतृत्व में काम को रोक दिया है. बड़ी संख्या में ग्रामीण काम रुकवाने पहुंचे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि रेल विस्तार के कारण सड़क खराब हो गई है. इसके चलते बरसात में सड़क बंद हो जाएगी.
ग्रामीणाें के मुताबिक, गेवरा पेंड्रा रेल विस्तार के लिए मड़वाढोढा एवं पुरैना गांव को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग को जर्जर कर दिया गया है. बरसात में सड़क मार्ग पूर्ण रूप से बंद हो जाएगा. खराब सड़क को लेकर मड़वाढोढा और पुरैना गांव के ग्रामीणों ने माकपा के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन करते हुए रेल विस्तार के काम को बंद करा दिया है.
ग्रामीणों ने कहा कि जब तक मड़वाढोढा एवं पुरैना गांव को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग को ठीक नहीं किया जाएगा तब तक रेल विस्तार के कार्य को शुरू नहीं होने देंगे. ग्रामीणों के विरोध के बाद गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास से सामाजिक अंधविश्वास हटेंगे- डॉ. दिनेश मिश्र
डॉ. मिश्र ने अंधविश्वास एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आयोजित कार्यक्रम कहा हमारे देश के विशाल स्वरूप में अनेक जाति, धर्म के लोग हैं जिनकी परंपराएँ व आस्था भी भिन्न-भिन्न है लेकिन धीरे धीरे कुछ परंपराएँ, अंधविश्वासों के रूप में बदल गई है. जिनके कारण आम लोगों को न केवल शारीरिक व मानसिक प्रताडऩा से गुजरना पड़ता है बल्कि ठगी का शिकार होना पड़ता है. कुछ चालाक लोग आम लोगों के मन में बसे अंधविश्वासों, अशिक्षा व आस्था का दोहन कर ठगते हैं. उन अंधविश्वासों व कुरीतियों से लोगों को होने वाली परेशानियों व नुकसान के संबंध में समझा कर ऐसे कुरीतियों का परित्याग किया जा सकता है. विभिन्न सामाजिक व चिकित्सा के संबंध में व्याप्त अंधविश्वासों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा देश के विभिन्न प्रदेशों में अनेक प्रकार के अंधविश्वास प्रचलित हैं जो न केवल समाज की प्रगति में बाधक हैं बल्कि आम व्यक्ति के भ्रम को बढ़ाते हैं, उसके मन की शंका-कुशंका में वृद्धि करते हैं.
डॉ. मिश्र ने कहा छत्तीसगढ़ में टोनही के नाम पर महिला प्रताडऩा की घटनाएँ आम है जिनमें किसी महिला को जादू-टोना करके नुकसान पहुँचाने के संदेह में हत्या, मारपीट कर दी जाती है जबकि कोई नारी टोनही या डायन नहीं हो सकती, उसमें ऐसी कोई शक्ति नहीं होती जिससे वह किसी व्यक्ति, बच्चों या गाँव का नुकसान कर सके. जादू-टोने के आरोप में महिला प्रताडऩा रोकना आवश्यक है. अंधविश्वासों के कारण होने वाली टोनही प्रताडऩा/बलि प्रथा,तथा सामाजिक बहिष्कार जैसी घटनाओं से भी मानव अधिकारों का हनन हो रहा है. अंधविश्वासों एवं सामाजिक कुरीतियों के निर्मूलन के लिये प्रदेश में पिछले 29 वर्षों से कोई नारी टोनही नहीं अभियान चलाया जा रहा है.
डॉ. मिश्र ने कहा कि समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास अतिआवश्यक है. कई बार लोग चमत्कारिक सफलता प्राप्त करने की उम्मीद में ठगी के शिकार हो जाते हैं, जबकि किसी भी परीक्षा, साक्षात्कार, नौकरी प्रमोशन के लिए कठोर परिश्रम व सुनियिोजित तैयारी आवश्यक है. तुरन्त सफलता के लिए किसी चमत्कारिक अँगूठी, ताबीज, तंत्र-मंत्र कथित बाबाओं के चक्कर में फँसने की बजाय परिश्रम का रास्ता अपनाना ही उचित है.
डॉ. मिश्र ने कहा समाज में जादू-टोना, टोनही आदि के संबंध में भ्रामक धारणाएँ काल्पनिक है, जिनका कोई प्रमाण नहीं है. पहले बीमारियों के उपचार के लिए चिकित्सा सुविधाएँ न होने से लोगों के पास झाड़-फूँक व चमत्कारिक उपचार ही एकमात्र रास्ता था, लेकिन चिकित्सा विज्ञान के बढ़ते कदमों व अनुसंधानों ने कई बीमारियों, संक्रामकों पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया है तथा कई बीमारियों के उपचार की आधुनिक विधियाँ खोजी जा रही है. बीमारियों के सही उपचार के लिए झाड़-फूँक, तंत्र-मंत्र की बजाय प्रशिक्षित चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. कोरोना काल में भी आधुनिक चिकित्सा के सहयोग से महामारी पर नियंत्रण पाया जा रहा है.
डॉ मिश्र ने कहा आमतौर पर अंधविश्वासों के कारण होने वाली घटनाओं की शिकार महिलाएँ ही होती है. अपनी सरल प्रवृत्ति के कारण से सहज ही चमत्कारिक दिखाई देने वाली घटनाओं व अफवाहों पर विश्वास कर लेती है व ठगी व प्रताडऩा की शिकार होती है, जिससे भगवान दिखाने के नाम पर रूपये, गहने दुगुना करने के नाम पर ठगी की जाती है. अंधविश्वास एवं सामाजिक कुरीतियों के निर्मूलन व सामाजिक जागरण में अपना अमूल्य योगदान विद्यार्थी एवं स्थानीय ग्रामीण भी दे सकते हैं. उन्हें आस-पास के लोगों को इस संदर्भ में विज्ञान सम्मत जानकारी देनी चाहिए. कार्यक्रम में व्याख्यान के बाद चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या भी प्रस्तुत की गई व प्रश्नोत्तर हुए . कार्यक्रम को डॉ शैलेश जाधव, महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ एच के एस गजेंद्र ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में महाविद्यालय के डॉ. पटेल, डॉ बर्मन, सहित छात्र , उपस्थित रहे.
रेत और मुरूम का अवैध परिवहन, खनिज विभाग ने पकड़ी 7 गाड़ियां
अभनपुर। राजिम नवापारा क्षेत्र में अवैध रेत व मुरूम खनन और परिवहन का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. इसकी सूचना पर रायपुर खनिज विभाग ने गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात एक बार फिर नवापारा से अवैध रेत और मुरुम परिवहन करते 7 गाड़ियों के विरुद्ध कार्रवाई की है. सभी वाहनों को थाना गोबरा नवापारा परिसर में खड़ा कराया गया है.
खनिज विभाग की टीम ने सुपरवाइजर सुनील दत्त शर्मा के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए गरियाबंद और धमतरी जिले से रेत लेकर अवैध परिवहन करते हुए रायपुर की ओर जा रहे 5 हाईवा वाहनों को नवापारा में पकड़कर कार्रवाई की. पकड़े गए हाईवा वाहन का नंबर CG22 T9722, CG07 CE5688, CG07 BR6343, CG25 M4501 और CG25 M 3396 है. वहीं अवैध मुरूम परिवहन करते हाईवा क्रमांक CG04 PS3972 और CG04 PS3971 को जब्त किया गया. सभी वाहनों को थाना गोबरा नवापारा परिसर में खड़ा कराया गया है.
कलेक्टर के निर्देश पर हुई कार्रवाई
सुपरवाइजर शर्मा ने बताया कि यह कार्रवाई जिला कलेक्टर और विभाग के उपसंचालक के निर्देश पर की गई है. सभी प्रकरण विभाग के जिला कार्यालय में प्रस्तुत किए जाएंगे. यहां बताना जरूर होगा कि अभनपुर क्षेत्र में गौण खनिजों के अवैध खनन एवं परिवहन का काला कारोबार बेधड़क चल रहा है. अभनपुर नगर में महीनों से मुरूम का अवैध खनन एवं परिवहन का काला कारोबार चल रहा है, लेकिन जानकारी के बाद भी विभागीय अधिकारी कार्रवाई करने की मूड में दिखाई नहीं दे रहे हैं.
संविधान दिवस की 75 वीं वर्षगाँठ पर रायपुर में बड़ा आयोजन, "मेरा संविधान-मेरा अभिमान" में युवाओं से संवाद करेंगे सांसद बृजमोहन अग्रवाल और राकेश सिन्हा
रायपुर। भारत के 75 वें संविधान दिवस पर रायपुर लोकसभा क्षेत्र के 100 से अधिक कालेजों में “मेरा संविधान-मेरा अभिमान” विषय पर बड़ा अभियान चलाया जा रहा है । इस अवसर पर कॉलेज युवाओं को देश के संविधान के महत्व को समझाने और संविधान के सम्मान और सुरक्षा के संकल्प लेने के उद्देश्य से रायपुर लोकसभा के सांसद बृजमोहन अग्रवाल के दिशानिर्देश पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने जानकारी दी है कि, इस अभियान के समापन समारोह में 7 दिसंबर,शनिवार को भाजपा के थिंकटैंक और सुप्रसिद्ध विचारक राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा शिरकत करेंगे. समारोह में विजेता विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया जायेगा साथ ही देश के संविधान की रक्षा हेतु युवाओं को शपथ भी दिलाई जाएगी.
कार्यक्रम संयोजक दानसिंह देवांगन ने बताया कि देश के 75 वें संविधान दिवस पर रायपुर लोकसभा के अंतर्गत आने वाले सभी केन्द्रीय शैक्षिणक संस्थाओं आईआईएम, एनआईटी,ट्रिपल आई टी,एम्स और सिपेट समेत 100 से अधिक कॉलेज़ो में मेरा संविधान-मेरा अभिमान विषय पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है।
मेरा संविधान- मेरा अभिमान कार्यक्रम का समापन समारोह एवं पुरस्कार वितरण समारोह 7 दिसंबर को दोपहर 12 बजे साइंस कॉलेज रायपुर के ऑडिटोरियम में रखा गया गया है। इसमें भाजपा के थिंकटैंक और सुप्रसिद्ध विचारक राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा और रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद बृजमोहन अग्रवाल सहित अनेक वरिष्ठ नेता, अधिकारी शिरकत करेंगे।
छत्तीसगढ़ में लोन वर्राटू अभियान का असर, जन मिलिशिया कमांडर धनरू ने किया आत्मसमर्पण
दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सल विरोधी अभियान लोन वर्राटू (घर वापसी) के तहत एक और सफलता मिली है. पूर्वी बस्तर डिवीजन के बयानार एरिया कमेटी के जन मिलिशिया कमांडर धनरू ने पुलिस अधीक्षक (SP) गौरव रॉय के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
सरकार की पुनर्वास नीति का मिलेगा लाभ
बता दें, सरकार की समर्पण और पुनर्वास नीति के तहत धनरू को 25 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. इसके साथ ही, वह समर्पित नक्सलियों के लिए लागू सभी योजनाओं का लाभ उठाएगा.
देश के गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ को 2026 तक नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके तहत लगातार कोर नक्सल क्षेत्रों में सुरक्षा बल नक्सलियों का खात्मा कर रहे हैं. वहीं सरकार माओवादियों को अवसर भी दे रही है, जो मुख्य धारा से जुड़ कर प्रदेश के विकास में भागीदार बनना चाहते हैं. उनके लिए लोन वर्राटू यानि घर वापसी अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत आत्म समर्पण करने वाले माओवादियों (नक्सलियों) के जीवन को एक नई दिशा मिलती है.
लोन वर्राटू अभियान की उपलब्धि
दंतेवाड़ा में चल रहे लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 206 इनामी नक्सलियों सहित कुल 884 नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं. यह अभियान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है. लोन वर्राटू अभियान ने न केवल नक्सलियों को पुनर्वास का मौका दिया है, बल्कि क्षेत्र में शांति और विकास के नए दरवाजे भी खोले हैं.
जनपद और ग्राम पंचायत की संपत्ति कुर्क : कोर्ट के आदेश पर तहसीलदार ने की कार्रवाई, पीड़ित परिवार को मिलेगी सहायता राशि
बलौदाबाजार। जिले में पहली बार उच्च न्यायालय के आदेश के बाद तहसीलदार ने जनपद पंचायत बलौदाबाजार और ग्राम पंचायत देवरी की संपत्ति कुर्क की है. दरअसल मामला 2016 का है. ग्राम पंचायत देवरी के स्कूल में शौचालय निर्माण के दौरान एक मजदूर की 11 हजार केवी लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई थी. इस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर किया गया था. न्यायालय ने ग्राम पंचायत देवरी व जनपद पंचायत बलौदाबाजार की संपत्ति कुर्क कर पीड़ित को 11,02,286 रुपए देने का आदेश दिया है. कोर्ट के आदेश के बाद आज जनपद पंचायत बलौदाबाजार में तहसीलदार ने संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई की.
कोर्ट के आदेश के बाद जनपद सीईओ, जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित आफिस के कुर्सी टेबल सहित अन्य सामानों को जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. जानकारी के अनुसार सन 2016 में देवरी पंचायत द्वारा स्कूल में शौचालय निर्माण कराया जा रहा था, जिसके ऊपर से 11 केवी बिजली लाइन गई थी. काम के दौरान इस बिजली लाइन की चपेट में आने से मजदूर की मौत हो गई थी. ललित साहू की मौत के बाद मृतक की पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई थी. इस पर न्यायालय ने मृतक के परिवार को जनपद पंचायत व ग्राम पंचायत देवरी से मृतक के परिवार को 11.02.286 रुपए देने का आदेश दिया था. यदि पैसा नहीं दे पाते हैं तो संपत्ति कुर्क कर परिजनों को सहायता राशि उपलब्ध कराने कहा, जिस पर आज कार्रवाई की गई.
जनपद पंचायत के अधिकारी ने बताया, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. बीआरसीसी के आदेश पर पंचायत को शौचालय निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया था. शौचालय निर्माण के दौरान हादसा हुआ, जिसमें एक मजदूर की की मौत हुई थी. अचानक संपत्ति कुर्क करने की कार्यवाही से हड़कंप मच गया है.
संपत्ति की नीलामी कर पीड़ित परिवार को दी जाएगी सहायता राशि
इस मामले में नायब तहसीलदार ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश पर आज कार्रवाई प्रारंभ की गई है. पहले चल संपत्ति को कुर्क किया गया. उसके बाद अचल संपत्ति पर जब्ती की कार्यवाही की जाएगी. इसके नीलामी से जो पैसा आएगा उसमें से पीड़ित परिवार को उच्च न्यायालय के आदेशानुसार सहायता राशि दी जाएगी.
जमीन की खरीदी-बिक्री में अनियमितता, एसडीएम ने तत्काल प्रभाव से पटवारी को किया निलंबित…
बलरामपुर। भूमि क्रय-विक्रय में अनियमितता बरते जाने पर पटवारी को एसडीएम ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. जांच में पाया गया कि पटवारी ने बिना उचित दस्तावेज़ और सत्यापन के विक्रय प्रक्रिया पूरी की थी.
जानकारी के अनुसार, ग्राम सेंमली (बलरामपुर) में खसरा नंबर 137/5, 137/7 और 14 की भूमि की बिक्री से जुड़ा मामला है. शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था.
जांच में पाया गया कि भारत सरकार की अधिसूचना का उल्लंघन करते हुए बिक्री की गई. भूमि पर पहले से अधिग्रहण की स्थिति थी, लेकिन बिना जानकारी दिए पटवारी विजय लकड़ा ने क्रय-विक्रय की अनुमति दे दी.
इस पर पटवारी विजय लकड़ा को इस अनियमितता पर सिविल सेवा नियम 1965 और 1966 के तहत एसडीएम ने तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है. निलंबन के दौरान पटवारी का मुख्यालय बलरामपुर तहसील कार्यालय होगा.
धान खरीदी के मुद्दे पर कांग्रेस ने उठाई आवाज : PCC चीफ बैज ने कहा – किसानों से धान नहीं खरीदने षड्यंत्र कर रही सरकार
बैज ने कहा, इस बार 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य है. इसके लिए 14 नवंबर से 31 जनवरी तक का समय निर्धारित है. शनिवार, रविवार और सरकारी छुट्टियों को घटाकर कुल 47 दिन मिल रहे हैं. इसका मतलब यह है कि प्रतिदिन सरकार को लगभग साढ़े तीन लाख मिट्रिक टन की ख़रीदी प्रति दिन करनी होगी, तब जाकर लक्ष्य पूरा होगा. वर्तमान में जिस रफ्तार से धान खरीदी हो रही है उसमें लक्ष्य प्राप्त करना असंभव लग रहा. सोसाइटियो को निर्देश है कि एक दिन में अधिकतम 752 क्विंटल यानी 1880 कट्टा धान ही खरीदा जाना है. ऐसे में एक किसान का शेष धान के लिये उसको आगामी दिनों की तारीख दी जा रही है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार ने यह घोषणा किया है कि 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आएगा, लेकिन जो लोग 14 नवंबर को धान बेचे थे, उनके खाते में रकम नहीं आया है, जो रकम आ रहा है वह एक मुश्त 3100 नहीं है. (जो समर्थन मूल्य है उतना) सिर्फ 2300 रुपए प्रति क्विंटल ही आ रहा है।
बैज ने कहा कि अनावरी रिपोर्ट गलत बनाया जा रहा, जिसके आधार पर मात्र 9 से 12-14 क्विंटल धान खरीदा जा रहा. किसानों से पूरा 21 क्विंटल धान नहीं खरीदा जा रहा है. बीज उत्पादक किसानों से सोसायटी में धान नहीं खरीदा जा रहा. सोसायटी में सूचना चस्पा किया गया है कि बीज उत्पादक किसानों का धान नहीं लिया जाएगा. सोसायटी में बारदाने की कमी है, किसान परेशान हैं. सरकार ने कहा है कि 50 प्रतिशत नए, 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग किया जाए. 50 प्रतिशत पुराने बारदाने समितियों में पहुंचे ही नहीं हैं, जिसके कारण धान खरीदी बाधित हो रही है.
धान खरीदी केंद्रों में जारी नहीं हो रहा टोकन, किसान परेशान
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि धान खरीदी केंद्रों में टोकन नहीं जारी किया जा रहा है. किसान घंटों खड़े रहते हैं. आनलाइन टोकन सिस्टम के कारण किसानों को 15 दिन बाद का भी टोकन नहीं मिल रहा है. धान की कीमत का भुगतान 3217 रुपए में करें, क्योंकि 3100 रुपए भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था. केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रुपए बढ़ा दिया है. इस कारण इस वर्ष धान की खरीदी 3100 रुपए से बढ़ाकर 3217 रुपए किया जाए. कांग्रेस के समय भी कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 2500 देने का वादा किया था, लेकिन समर्थन मूल्य बढ़ने पर कांग्रेस ने 2640 रुपएमें धान खरीदा था.
भाजपा की नई नीति से धान खरीदी हुई प्रभावित
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बैज ने कहा कि धान उपार्जन की कांग्रेस सरकार की नीति को भाजपा सरकार ने बदल दिया है. नई नीति के अनुसार 72 घंटे में बफ़र स्टॉक के उठाव की नीति को बदल दिया है. पहले इस प्रावधान के होने से समितियों के पास ये अधिकार होता था कि वे समय सीमा में उठाव न होने पर चुनौती दे सकें. अब जो बदलाव हुआ है उसके बाद बफ़र स्टॉक के उठाव की कोई सीमा ही नहीं है. धान खरीदी केन्द्रो में जगह की कमी आ रही है. पहले मार्कफ़ेड द्वारा समस्त धान का निपटान 28 फ़रवरी तक कर देने की बाध्यता रखी गई थी. अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है. धान खरीदी बंद होगी 31 जनवरी को, यानी समितियों/संग्रहण केंद्रों में धान अब दो महीने तक रखा रहेगा.
धान की मीलिंग करने में राइस मिलराें ने जताई है असमर्थता
उन्होंने कहा कि धान मिलिंग के लिए कांग्रेस सरकार ने प्रति क्विंटल 120 रुपए देने का निर्णय लिया था, जिसका परिणाम यह हुआ था कि प्रदेशभर में 700 नई राइस मिलें खुली थीं. अब सरकार ने मिलर के लिए 120 रुपए को घटाकर 60 रुपए कर दिया है. इस कारण राइस मिलर हड़ताल पर है. धान सोसायटी में जाम है. मिलरों को 120 की जगह 60 रुपए देने के फ़ैसले के बाद विभिन्न ज़िलों में राइस मिलर एसोसिएशन धान की मीलिंग करने में असमर्थता व्यक्त करने लगे हैं.
पत्रकारवार्ता में पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ल, पूर्व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, पूर्व सांसद छाया वर्मा, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, जिला अध्यक्ष उधोराम वर्मा, महामंत्री सकलेन कादार, प्रदेश कांग्रेस वरिष्ठ प्रवक्ता आरपी सिंह, धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, किसान कांग्रेस अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा, प्रवक्ता सत्य प्रकाश सिंह, प्रवक्ता वंदना राजपूत उपस्थित थे.
ग्रामीण अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव की बढ़ी विश्वसनीयता, 24 घंटे में 2 हॉस्पिटल में 9 नवजातों की गूंजी किलकारी
गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में सुरक्षित प्रसव को लेकर गर्भवती महिलाओं का अस्पतालों पर विश्वास सुदृढ़ होता नजर आरहा है. बीते 24 घंटों में 2 अलग-अलग असपतालों में कुल 9 नवजातों को सुरक्षित प्रसव कराया गया है. देवभोग अस्पताल ने सुरक्षित संस्थागत प्रसव का एक और उदाहरण पेश किया है. शुक्रवार को 24 घंटे के भीतर अस्पताल में 5 नवजातों ने जन्म लिया, जिससे अस्पताल का परिसर खुशियों से गूंज उठा. इनमें से दो बच्चे जुड़वा हैं. बता दें, तीन महीने पहले भी यहां 16 घंटे में 6 नवजातों की किलकारी गूंजी थी.
टीम वर्क से संभव हुआ सुरक्षित प्रसव
बीएमओ डॉक्टर प्रकाश साहू ने बताया कि जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गार्गी यदु के मार्गदर्शन में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. नियमित मॉनिटरिंग और स्वास्थ्य टीम की कड़ी मेहनत से दूरस्थ इलाकों में भी सुरक्षित प्रसव सफल हो पा रहे हैं. इन 5 बच्चों के प्रसव की उपलब्धि में ड्यूटी डॉक्टर रोशन कंचन, नर्स गायत्री, बबीता, समारिन और अनीता साहू का विशेष योगदान रहा.
सरकार की नीतियों का असर
सीएमएचओ डॉक्टर गार्गी यदु ने कहा, “स्वास्थ्य मंत्री डॉ. श्याम बिहारी जायसवाल ने हाई रिस्क प्रेगनेंसी को चिन्हांकित करने की जो नीति बनाई है उससे जच्चा बच्चा सुरक्षित हो रहा है. मैदानी स्वास्थ्य अमला गर्भधारण से लेकर प्रसव तक की पूरी प्रक्रिया में महिलाओं के साथ रहता है. टीम वर्क और नियमित निगरानी के कारण ही यह सफलता संभव हो रही है.”
खड़मा पीएचसी ने भी रचा इतिहास
वहीं छुरा ब्लॉक के जनजातीय क्षेत्र खड़मा में भी सुरक्षित प्रसव की सफलता का नया अध्याय जुड़ा है. यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 20 घंटे के भीतर 4 सुरक्षित प्रसव कराए गए. यह पहली बार है जब इतने कम समय में इस ग्रामीण क्षेत्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. इस ग्रामीण इलाके में सुरक्षित प्रसव को लेकर विभाग ने कई खामियों को दूर कराया और विशेष अभियान चलाया, जिसके बाद अब जा कर इसके परिणाम नजर आ रहे हैं.
महानदी पर बना मेघा पुल टूटने से लोग परेशान : कुरुद जाने तय करना पड़ रहा लंबा सफर, वैकल्पिक मार्ग बनाने ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
धमतरी। जिले के मेघा गांव में महानदी पर पुल टूटने के बाद वैकल्पिक मार्ग बनाने की मांग को लेकर ग्रामीणों और व्यापारियों ने प्रदर्शन किया. इसके चलते स्टेट हाइवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई है. बता दें कि मेघा महानदी पुल दो महीने पहले टूटा है. इसके बाद इस मार्ग पर आवाजाही बंद कर दी गई है. इसके कारण राजिम, मगरलोड क्षेत्र के लोगों को कुरूद जाने के लिए कई किलोमीटर का लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा.
बता दें कि नब्बे के दशक में तत्कालीन विधायक स्व. दीपा साहू के प्रयास से महानदी पर मेघा पुल का निर्माण कराया गया था. इस पुल के बनने से मगरलोड, नगरी, गरियाबंद क्षेत्र में कुरुद की कन्केक्टिविटी बढ़ी, जिससे वन क्षेत्रों में विकास की किरणें जगने लगी थी, लेकिन रेत माफियाओं ने क्षेत्र की इस अनमोल धरोहर को भी नहीं छोड़ा. गाड़ाडीह और मेघा के बीच महानदी पर बने पुल के तीन पिल्लर गिर गए, नीचे का सपोर्ट खत्म हो जाने से पुल में दरार आ गई है. अब यह पुल धंसता और टूटता जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट से अनवर ढेबर को लगा झटका, हाई कोर्ट से मिली जमानत को किया रद्द…
रायपुर। प्रदेश के बहुचर्चित शराब घोटाला में आरोपी अनवर ढेबर की अंतरिम जमानत सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाई कोर्ट में जाकर फिर से जमानत अर्जी दाखिल करने को कहा है.
जानकारी के अनुसार, जिस मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अनवर ढेबर को हाई कोर्ट ने जमानत दी थी, उसे सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ पुलिस ने चेलेंज किया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत को रद्द करते हुए वापस हाई कोर्ट में भेज दिया है.
दरअसल, अनवर ढेबर को हाई कोर्ट ने जुलाई में किडनी और गॉलब्लैडर स्टोन की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अंतरिम जमानत दी थी. ढेबर के वकील ने मेडिकल ग्राउंड पर इलाज के लिए जस्टिस अरविन्द वर्मा की पीठ के सामने जमानत देने का आग्रह किया था.
इस मेडिकल रिपोर्ट को बनाने वाले डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के गेस्ट्रो सर्जन को छत्तीसगढ़ सरकार ने बर्खास्त करने के साथ उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी थी. शराब घोटाला के आरोप में जेल में बंद ढेबर को 8 जून को ईलाज के लिए डीकेएस ले जाया गया था.
वकील ने तर्क दिया कि अनवर को किडनी की बीमारी है, और उन्हें पेशाब करने में दिक्कत हो रही है. सुनवाई के दौरान यह भी तर्क दिया गया कि ढेबर का इलाज चल रहा है, जिसके लिए अस्पताल जाने की जरूरत पड़ती है. जेल में गार्ड उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जिसके चलते इलाज नहीं हो पा रहा है.