रायपुर। छत्तीसगढ़ में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पूरी गरिमा और उत्साह के साथ मनाया जाएगा. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बस्तर में आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण करेंगे. डिप्टी सीएम अरुण साव बिलासपुर और डिप्टी सीएम विजय शर्मा दुर्ग में ध्वजारोहण करेंगे.
वहीं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह राजनांदगांव में तिरंगा फहराएंगे. इसके साथ ही मंत्रीगण, सांसद और विधायक भी अलग-अलग जिला मुख्यालयों में ध्वजारोहण करेंगे. ध्वजारोहण कार्यक्रम का लिए लिस्ट भी जारी कर दिया गया है. राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के बाद सीएम विष्णुदेव साय प्रदेश की जनता संबोधित करेंगे.
रायपुर. छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के तहत एक नवंबर 2023 से धान खरीदी का अभियान निरंतर जारी है. राज्य सरकार इस साल मोदी की गारंटी के अनुरूप किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान की खरीदी कर रही है. राज्य सरकार अब तक किसानों से 124.89 लाख मीट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी कर चुकी है. किसानों को 26482 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान बैंक के माध्यम से किया गया है.
मार्कफेड के महाप्रबंधक से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में समर्थन मूल्य पर अब तक 22 लाख 65 हजार 864 किसानों से 124 लाख 89 हजार 623 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है. इसके एवज में किसानों को 26 हजार 482 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान बैंक के माध्यम से किया गया है.
वहीं धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए निरंतर धान का उठाव जारी है. अब तक 98 लाख 38 हजार 565 मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया गया है. जिसके विरूद्ध मिलर्स द्वारा 83 लाख 15 हजार 849 मीट्रिक टन धान का उठाव किया जा चुका है.
रायपुर. राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की खुशी में पूरा देश खुशियों से झूम उठा है. पूरा देश भगवामय हो चुका है. जगह-जगह लोग उत्साह मनाते नजर आ रहे हैं. ऐसा ही नजारा राजधानी रायपुर में भी देखने को मिल रहा है. रामलला की आने की खुशी में डूबे लोगों ने रायपुर के कोटा में 11 लाख दीए जलाकर जश्न मनाया.
जानकारी के अनुसार, जिस जगह में दीए जलाए जा रहे हैं, वहां 23 जनवरी से बागेश्वर धाम आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के कथा का भी आयोजन किया जाना है. जहां श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में दिए जलाए जा रहें. दीए जलाने के लिए आस-पास से लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है.
रायपुर। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि में नवनिर्मित भव्य मंदिर में प्रभु श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने निवास कार्यालय ‘पहुना‘ में भगवान श्रीराम के चित्र पर दीप प्रज्जवलित कर उनकी पूजा-अर्चना की। निवास परिसर में जगह-जगह बच्चों ने भगवान श्रीराम को समर्पित आकर्षक रंगोलियां भी बनाई है। इस मौके पर भगवान श्रीराम के बाल रूप की वेशभूषा में 5 वर्षीय बालक तक्षिल त्रिपाठी की मौजूदगी ने सभी का मन मोह लिया।
रायपुर। प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद उनके ननिहाल की धरती को मिले, मेरी यही प्रार्थना है। प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से प्रदेश समृद्ध और खुशहाल हो। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज राजधानी रायपुर के जयस्तंभ चौक में सार्वजनिक श्री हनुमान मंदिर ट्रस्ट के तत्वाधान में आयोजित श्रीराम चरित मानस अखंड रामायण पाठ में शामिल होकर यह आशीर्वाद मांगा। इस मौके पर उन्होंने भगवान राम और माता जानकी की पूजा-अर्चना की।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि आज का पावन दिन स्वर्णाक्षरों से लिखा जाएगा। पांच सौ वर्षों की तपस्या के बाद यह सुअवसर आया है। हमारे भांचा राम एक टेंट से बाहर निकलकर भव्य मंदिर में प्रतिष्ठित हुए हैं। हम सभी के लिए भी यह खुशी की बात है। श्री साय ने कहा कि आज लोग अलग-अलग तरीके से खुशियां मना रहे हैं। पूरा प्रदेश राममय है।
श्री साय ने कहा कि लव-कुश को समर्पित बैंड की यह धुन अभिभूत कर रही है। इस पुण्य आयोजन के लिए उन्होंने श्री बजरंग नवयुवक मित्र मंडल गणेशोत्सव समिति को बधाई दी। गौरतलब है कि आज अयोध्या में हुए श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर श्री राम चरित मानस अखंड रामायण पाठ आयोजन किया गया।
जांजगीर। श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शिवरीनारायण स्थित भगवान नर नारायण मंदिर में किया दर्शन। मुख्यमंत्री ने भगवान नर नारायण की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
इस मौके पर छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर, गौसेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास, सांसद गुहाराम अजगले, जनप्रतिनिधि गुलाब सिंह चंदेल, कलेक्टर आकाश छिकारा, एसपी विजय अग्रवाल उपस्थित रहे। श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर शिवरीनारायण मंदिर में आकर्षक साज-सज्जा की गई है। मंदिर को फूल मालाओं, रंग बिरंगी लाइट्स से सजाया गया है।
रायपुर। अयोध्या में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे प्रदेश में खुशी उमंग एवं उत्साह का माहौल है। नवा रायपुर में भी लोगों में भारी उत्साह एवं उमंग देखी गई। नवा रायपुर में जगह-जगह भक्ति-भाव में पूजा-अर्चना के कार्यक्रम आयोजित किए गए। मंत्रालय के पास स्थित हनुमान मंदिर में अपार उत्साह के साथ पूजा-पाठ भजन गायन के कार्यक्रम आयोजित हुए।
जिसमें मंत्रालयीन अधिकारी कर्मचारियों सहित क्षेत्र के नागरिक शामिल हुए। नवा रायपुर क्षेत्र में एलईडी के माध्यम से अयोध्या में आयोजित भव्य कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी लोगों ने देखा। अटल नगर नवा रायपुर के सेक्टर-27, 28, 29 एवं 30 सहित ग्राम राखी, नवागांव, खपरी सहित अन्य गांव के ग्रामीणजन भजन कीर्तन, पूजा और प्रसाद वितरण के माध्यम से रामोत्सव के आयोजन में शामिल हुए।
रायपुर। अखिल भारतीय वन सेवा के अधिकारियों की पदोन्नति का आदेश सरकार ने जारी किया है. इस आदेश के मुताबिक वर्ष 2006 बैच के आईएफएस अधिकारियों को मुख्य वन संरक्षक और 2010 बैच के आईएफएस अधिकारियों को वन संरक्षक के रूप में पदोन्नति मिली है.
जिसमें 2006 बैच के आईएफएस अधिकारियों में विवेक आचार्य, राजू अगासिमनी, माथेश्वरण वी, अरुण प्रसाद पी, डॉक्टर केनियल हाऊतोली मैचियो और प्रभात मिश्रा को पदोन्नति दी गई है. वहीं 2010 बैच सतोविशा समाजदार को वन संरक्षक के रूप में पदोन्नति मिली है. इसी बैच के आईएफएस इमोतेमसु आओ को प्रोफार्मा पदोन्नति दी गई है.
रायपुर। अखिल भारतीय वन सेवा के अधिकारियों की पदोन्नति का आदेश सरकार ने जारी किया है. इस आदेश के मुताबिक वर्ष 2006 बैच के आईएफएस अधिकारियों को मुख्य वन संरक्षक और 2010 बैच के आईएफएस अधिकारियों को वन संरक्षक के रूप में पदोन्नति मिली है.
जिसमें 2006 बैच के आईएफएस अधिकारियों में विवेक आचार्य, राजू अगासिमनी, माथेश्वरण वी, अरुण प्रसाद पी, डॉक्टर केनियल हाऊतोली मैचियो और प्रभात मिश्रा को पदोन्नति दी गई है. वहीं 2010 बैच सतोविशा समाजदार को वन संरक्षक के रूप में पदोन्नति मिली है. इसी बैच के आईएफएस इमोतेमसु आओ को प्रोफार्मा पदोन्नति दी गई है.
बलौदाबाजार। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने से जिलेवासियों में जबरदस्त उत्साह है. गांव से लेकर शहर तक सभी जगह उत्साह का वातावरण है. जिलेभर में दीपावली जैसा माहौल दिखाई दे रहा है. लोग अपने घरों के सामने रंगोली बनाकर दीपोत्सव की तैयारी में लगे हैं. बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी जनों में भारी उत्साह है.
बलौदाबाजार में आयोजित मानस महायज्ञ समिति की ओर से नगर में राम सीता की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई है, जिसका जगह-जगह स्वागत हो रहा है. वहीं, कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा भी आज बलौदाबाजार पहुंचे. वे यहां रामोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने नागरिकों से आव्हान किया कि जीवन में भगवान राम के चरित्र को उतारे और उस पर चले.
बलौदाबाजार। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने से जिलेवासियों में जबरदस्त उत्साह है. गांव से लेकर शहर तक सभी जगह उत्साह का वातावरण है. जिलेभर में दीपावली जैसा माहौल दिखाई दे रहा है. लोग अपने घरों के सामने रंगोली बनाकर दीपोत्सव की तैयारी में लगे हैं. बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी जनों में भारी उत्साह है.
बलौदाबाजार में आयोजित मानस महायज्ञ समिति की ओर से नगर में राम सीता की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई है, जिसका जगह-जगह स्वागत हो रहा है. वहीं, कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा भी आज बलौदाबाजार पहुंचे. वे यहां रामोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने नागरिकों से आव्हान किया कि जीवन में भगवान राम के चरित्र को उतारे और उस पर चले.
रायपुर। अयोध्या धाम के श्रीराम जन्मभूमि में निर्मित भव्य मंदिर में रामलला के नूतन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा की गई. इस अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन के जनसंपर्क विभाग की ओर से श्री राम के अयोध्या धाम और वनवास काल में छत्तीसगढ़ यात्रा से जुड़ी स्मृतियों पर आधारित कॉफ़ी टेबल बुक “हम सबके राम” और विशेष कैलेंडर “रामो विग्रहवान धर्मः” का विमोचन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने माता शबरी की भूमि शिवरीनारायण में किया.
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर, गौसेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष राजेश्री महंत रामसुंदर दास, सांसद गुहाराम अजगले, आयुक्त जनसंपर्क मयंक श्रीवास्तव, संभागायुक्त शिखा राजपूत तिवारी, आईजी अजय यादव, कलेक्टर आकाश छिकारा, एसपी विजय अग्रवाल, अपर संचालक जनसंपर्क जे एल दरियो उपस्थित रहे.
“रामो विग्रहवान धर्मः” कैलेंडर में अयोध्या धाम श्रीराम जन्मभूमि पर निर्मित भव्य मंदिर के साथ श्री रामलला की बेहद मनमोहक तस्वीर को समाहित किया गया है.
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, आज माता शबरी के पवित्र धाम शिवरीनारायण की पावन भूमि पर प्रभु श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के अवसर पर आप सभी को गाड़ा-गाड़ा बधाई और शुभकामनाएं। आज हम सब प्रत्यक्ष रूप से अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक क्षण का गवाह बने हैं| हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में यह शुभ कार्यक्रम संपन्न हुआ, उनके साथ सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, वहां की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और लाखों संतों की उपस्थिति में यह कार्यक्रम हुआ है।
आज हम सबने प्राण प्रतिष्ठा की सम्पूर्ण प्रक्रिया को देखा और भगवान श्रीराम की अलौकिक बाल प्रतिमा के दर्शन भी किए हैं| हमने प्रधानमंत्री जी को भी विस्तार से सुना है। आज हमारे छत्तीसगढ़ का बड़ा सौभाग्य है, छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल है, माता कौशल्या की जन्मभूमि है। आज देश के साथ साथ पूरी दुनिया राममय हुई है। अलग-अलग तरह से सभी खुशियां मना रहे हैं।
हमारे छत्तीसगढ़ के लिए यह एक विशेष मौका है। चूंकि हमारे भांचा भगवान राम आज पांच सौ साल के संघर्ष के बाद आज अयोध्या में विराजमान हुए है। आज तरह-तरह से पूरा छत्तीसगढ़ खुशियां मना रहा है। हमारा छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहलाता है, आप सभी को मालूम होगा कि छत्तीसगढ़ में खुशबूदार चावल होता है। हमने छत्तीसगढ़ से अयोध्या 3000 टन चावल 11 ट्रकों में भेजा है, आज ननिहाल के चावल से रामलला का भोग तैयार हुआ है| हमने छत्तीसगढ़ से लाखों टन सब्जियां भी अयोध्या भेजी हैं। यह बहुत शुभ अवसर है आप सभी को इसकी बहुत सी शुभकामनाएं।
रायपुर। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अपने बयान में कहा कि आज प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश और पूरे विश्व के कोने कोने में प्रभु राम प्रगट हुए है. पूरा वातावरण बहुत ही शुद्ध हो गया हैं. देश के साथ पूरे विश्व को आशीर्वाद देने के लिए श्री राम यहां पधारे हैं. हम प्रभु राम का अभिनंदन करते हैं स्वागत करते हैं.
प्रभु राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में मां कौशल्या की जन्मभूमि में प्रभु राम के वन गमन मार्ग में मैं सबको बधाई देता हूं कि पूरे देश में जो रोमांचित वातावरण है ये वातावरण मुझे लगता है. प्रभु राम स्वयं ने हम सबको दर्शन देने के लिए हम सबको आशीर्वाद देने के लिए हम सब की रक्षा करने के लिए प्रभु राम आए हैं.
इसलिए छत्तीसगढ़ की सरकार अयोध्या दर्शन जल्दी ही करवाएगी और व्यवस्था के साथ में करवाएगी. अब तो कोई रुकने वाला नहीं है अब तो पूरे हिंदुस्तान के जगह-जगह पर जो वातावरण है वह वातावरण देख कर मुझे लगता है कि अभी सब जगह प्रभु राम हनुमान जी के रूप में उपस्थित है.
रायपुर। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अपने बयान में कहा कि आज प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश और पूरे विश्व के कोने कोने में प्रभु राम प्रगट हुए है. पूरा वातावरण बहुत ही शुद्ध हो गया हैं. देश के साथ पूरे विश्व को आशीर्वाद देने के लिए श्री राम यहां पधारे हैं. हम प्रभु राम का अभिनंदन करते हैं स्वागत करते हैं.
प्रभु राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में मां कौशल्या की जन्मभूमि में प्रभु राम के वन गमन मार्ग में मैं सबको बधाई देता हूं कि पूरे देश में जो रोमांचित वातावरण है ये वातावरण मुझे लगता है. प्रभु राम स्वयं ने हम सबको दर्शन देने के लिए हम सबको आशीर्वाद देने के लिए हम सब की रक्षा करने के लिए प्रभु राम आए हैं.
इसलिए छत्तीसगढ़ की सरकार अयोध्या दर्शन जल्दी ही करवाएगी और व्यवस्था के साथ में करवाएगी. अब तो कोई रुकने वाला नहीं है अब तो पूरे हिंदुस्तान के जगह-जगह पर जो वातावरण है वह वातावरण देख कर मुझे लगता है कि अभी सब जगह प्रभु राम हनुमान जी के रूप में उपस्थित है.
रायपुर. रामनाम को अपने अंग-अंग में हृदय में तथा चेतना में बसाने वाले रामनामी समुदाय के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को अपना परंपरागत मोर मुकुट पहनाकर अभिनंदन किया। उनके मोर मुकुट में राम नाम लिखा होता है। मुख्यमंत्री के साथ ही उन्होंने ओम माथुर को भी मोर मुकुट पहनाया।
रायपुर। अयोध्या में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के गौरवशाली क्षण में माता शबरी की भूमि शिवरीनारायण भी राममय हो गया है. त्रेता युग में माता शबरी ने इसी भूमि में श्रीराम को जूठे बेर खिलाये थे. आज शिवरीनारायण की धरती वैसी ही पुलकित है. आज श्रीराम पुनः अयोध्या धाम में पधारे हैं. इस शुभ क्षण को देखने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शिवरीनारायण पहुंचे.
यहां श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण हुआ. जैसे ही भगवान श्रीराम साक्षात रूप में नजर आए, सीएम साय, प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, महंत रामसुंदर दास सहित अन्य जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में पहुंचे नागरिक श्रद्धावनत होकर हाथ जोड़े खड़े हो गए. भगवान श्रीराम की मंजुल मूर्ति देखकर सभी गहरी श्रद्धा में डूब गए. शुभ शंखनाद और राम रतन धन पायो के स्वर लहरियों के साथ हजारों लोग श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के विलक्षण पल के साक्षी बने.
रघुपति राघव राजाराम के गीत के बीच हाथ जोड़े सभी लोग भक्तिभाव में डूबे रहे. भजन की मोहक प्रस्तुति हो रही है. पूरा पंडाल राम भजन में लीन है. जय जय श्री राम का लगातार उद्घोष हो रहा है. पायो जी मैंने राम रतन धन पायो की इस धुन में छत्तीसगढ़ का तंबूरा भी शामिल है.
शिवरीनारायण से भगवान राम का पुराना नाता
दरअसल, जांजगीर-चाम्पा जिले से भगवान राम का बहुत करीब से नाता है. यहां प्रभु श्रीराम ने वनवास का अधिक समय बिताया है, मान्यता है यहां प्रभु श्री राम ने शबरी के जूठे बेर खाए थे. यहां एक पेड़ ऐसा है, जिसके पत्तों की आकृति दोने के सामान है. माता शबरी ने इसी दोने में राम लक्ष्मण को बेर रख कर खिलाए थे. इस वट वृक्ष का वर्णन सभी युगों में मिलने के कारण इसे अक्षय वट वृक्ष के नाम से जाना जाता है.
जांजगीर-चांपा जिले की धार्मिक नगरी शिवरीनारायण को गुप्त प्रयाग कहा जाता है. यहां तीन नदी, महानदी, शिवनाथ और जोक नदी कर त्रिवेणी संगम है. शिवरीनारायण का नाम माता शबरी और नारायण के अटूट स्नेह के कारण पड़ा और भक्त का नाम नारायण के आगे रखा गया.
बड़े मंदिर यानी नर नारायण मंदिर के पुजारी प्रसन्न जीत तिवारी ने बताया कि शिवरीनारायण को छत्तीसगढ़ के जगन्नाथपुरी के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इसी स्थान पर प्राचीन समय में भगवान जगन्नाथ स्वामी का मूल स्थान शिवरीनारायण रहा. आज भी साल में एक दिन माघी पूर्णिमा में भगवान जगन्नाथ शिवरीनारायण आते हैं, यहां मंदिर में रोहिणी कुण्ड है, जिसका जल कभी कम नहीं होता, भगवान नर नारायण के चरण कुंड के जल से हमेशा अभिषेक करता है.
शिवरीनारायण मठ मंदिर के पुजारी त्यागी जी महराज ने बताया कि छत्तीसगढ़ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का ननिहाल और उनकी कर्मभूमि भी है. 14 वर्षों के कठिन वनवास काल में श्रीराम ने अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में ही बिताया. माता कौशल्या की जन्मभूमि के कारण छत्तीसगढ़ में श्रीराम को भांजे के रूप में पूजा जाता है. उन्होंने शिवरीनारायण धाम के बारे में बताया कि यही वो पावनभूमि है, जहां भक्त और भगवान का मिलन हुआ था. भगवान राम ने शबरी की तपस्या से प्रसन्न होकर न केवल उन्हें दर्शन दिए बल्कि उनकी भक्ति और भाव को देखकर जूठे बेर भी खाए. आज भी शबरी और राम के मिलन का ये पवित्र स्थान आस्था का केंद्र बना हुआ है.
अयोध्या में प्रभु राम मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद शिवरीनारायण में भी प्रभु के प्राण प्रतिष्ठा के इस दिन को खास बनाया गया है. सभी मंदिर को दूधिया रोशनी और झालर के अलावा दीपों से सजाने और दिनभर भजन कीर्तन और भंडारा प्रसाद वितरण करने की तैयारी की गई है. कुल मिलाकर धार्मिक नगरी शिवरीनारायण भी राममय हो गया है.
रायपुर। अयोध्या में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के गौरवशाली क्षण में माता शबरी की भूमि शिवरीनारायण भी राममय हो गया है. त्रेता युग में माता शबरी ने इसी भूमि में श्रीराम को जूठे बेर खिलाये थे. आज शिवरीनारायण की धरती वैसी ही पुलकित है. आज श्रीराम पुनः अयोध्या धाम में पधारे हैं. इस शुभ क्षण को देखने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शिवरीनारायण पहुंचे.
यहां श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण हुआ. जैसे ही भगवान श्रीराम साक्षात रूप में नजर आए, सीएम साय, प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, महंत रामसुंदर दास सहित अन्य जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में पहुंचे नागरिक श्रद्धावनत होकर हाथ जोड़े खड़े हो गए. भगवान श्रीराम की मंजुल मूर्ति देखकर सभी गहरी श्रद्धा में डूब गए. शुभ शंखनाद और राम रतन धन पायो के स्वर लहरियों के साथ हजारों लोग श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के विलक्षण पल के साक्षी बने.
रघुपति राघव राजाराम के गीत के बीच हाथ जोड़े सभी लोग भक्तिभाव में डूबे रहे. भजन की मोहक प्रस्तुति हो रही है. पूरा पंडाल राम भजन में लीन है. जय जय श्री राम का लगातार उद्घोष हो रहा है. पायो जी मैंने राम रतन धन पायो की इस धुन में छत्तीसगढ़ का तंबूरा भी शामिल है.
शिवरीनारायण से भगवान राम का पुराना नाता
दरअसल, जांजगीर-चाम्पा जिले से भगवान राम का बहुत करीब से नाता है. यहां प्रभु श्रीराम ने वनवास का अधिक समय बिताया है, मान्यता है यहां प्रभु श्री राम ने शबरी के जूठे बेर खाए थे. यहां एक पेड़ ऐसा है, जिसके पत्तों की आकृति दोने के सामान है. माता शबरी ने इसी दोने में राम लक्ष्मण को बेर रख कर खिलाए थे. इस वट वृक्ष का वर्णन सभी युगों में मिलने के कारण इसे अक्षय वट वृक्ष के नाम से जाना जाता है.
जांजगीर-चांपा जिले की धार्मिक नगरी शिवरीनारायण को गुप्त प्रयाग कहा जाता है. यहां तीन नदी, महानदी, शिवनाथ और जोक नदी कर त्रिवेणी संगम है. शिवरीनारायण का नाम माता शबरी और नारायण के अटूट स्नेह के कारण पड़ा और भक्त का नाम नारायण के आगे रखा गया.
बड़े मंदिर यानी नर नारायण मंदिर के पुजारी प्रसन्न जीत तिवारी ने बताया कि शिवरीनारायण को छत्तीसगढ़ के जगन्नाथपुरी के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इसी स्थान पर प्राचीन समय में भगवान जगन्नाथ स्वामी का मूल स्थान शिवरीनारायण रहा. आज भी साल में एक दिन माघी पूर्णिमा में भगवान जगन्नाथ शिवरीनारायण आते हैं, यहां मंदिर में रोहिणी कुण्ड है, जिसका जल कभी कम नहीं होता, भगवान नर नारायण के चरण कुंड के जल से हमेशा अभिषेक करता है.
शिवरीनारायण मठ मंदिर के पुजारी त्यागी जी महराज ने बताया कि छत्तीसगढ़ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का ननिहाल और उनकी कर्मभूमि भी है. 14 वर्षों के कठिन वनवास काल में श्रीराम ने अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में ही बिताया. माता कौशल्या की जन्मभूमि के कारण छत्तीसगढ़ में श्रीराम को भांजे के रूप में पूजा जाता है. उन्होंने शिवरीनारायण धाम के बारे में बताया कि यही वो पावनभूमि है, जहां भक्त और भगवान का मिलन हुआ था. भगवान राम ने शबरी की तपस्या से प्रसन्न होकर न केवल उन्हें दर्शन दिए बल्कि उनकी भक्ति और भाव को देखकर जूठे बेर भी खाए. आज भी शबरी और राम के मिलन का ये पवित्र स्थान आस्था का केंद्र बना हुआ है.
अयोध्या में प्रभु राम मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद शिवरीनारायण में भी प्रभु के प्राण प्रतिष्ठा के इस दिन को खास बनाया गया है. सभी मंदिर को दूधिया रोशनी और झालर के अलावा दीपों से सजाने और दिनभर भजन कीर्तन और भंडारा प्रसाद वितरण करने की तैयारी की गई है. कुल मिलाकर धार्मिक नगरी शिवरीनारायण भी राममय हो गया है.