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Welcome To RamRaj
सनातन संस्कृति में प्रभु श्रीराम द्वारा किया गया आदर्शासन रामराज के नाम से प्रसिद्ध है। वर्तमान समय में रामराज का प्रयोग सर्वोत्कृष्ट शासन या आदर्श शासन के रूपक (प्रतीक) के तौर पर किया जाता है। रामराज, लोकतन्त्र का परिमार्जित रूप माना जा सकता है। वैश्विक स्तर पर रामराज्य की स्थापना गांधीजी की चाह थी। इन्ही विषयों पर ध्यान केंद्रित कर समाचारों के माध्यम से एक सकारात्मकता के साथ भारतवर्ष में रामराज की पुनःस्थापना हेतु तिनका सा हमारा प्रयास है।
दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहि ब्यापा सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती भावार्थ:- 'रामराज्य' में किसी को दैहिक, दैविक और भौतिक तकलीफ नहीं थी। सब मनुष्य परस्पर प्रेम करते थे और वेदों में बताई हुई नीति (मर्यादा) में तत्पर रहकर अपने-अपने धर्म का पालन करते हैं।