विविध
अंगदान है महादान, एक व्यक्ति दे सकता है आठ जिंदगियों को नई रोशनी
World Organ Donation Day : हर साल 13 अगस्त को दुनियाभर में ‘वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे’ मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करना है। अंगदान को आज के समय में ‘महादान’ की संज्ञा दी जा रही है, क्योंकि यह एक ऐसी पहल है जो एक व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी कई लोगों को जीवन दे सकती है।
भारत में हर साल लाखों लोग लिवर, किडनी, दिल और आंखों जैसे अंगों की कमी के कारण अपनी जान गँवा देते हैं। समय पर डोनर (अंगदाता) न मिलने से कई मरीज़ों की उम्मीद टूट जाती है। डॉक्टरों और विशेषज्ञों के मुताबिक, एक ब्रेन-डेड (brain-dead) व्यक्ति के अंगदान से करीब आठ ज़रूरतमंद लोगों को नया जीवन मिल सकता है।
- किडनी और लिवर: एक डोनर की किडनी दो लोगों को और लिवर एक या दो लोगों को नया जीवन दे सकता है।
- दिल और फेफड़े: दिल और फेफड़ों का दान करके भी किसी की जान बचाई जा सकती है।
- आंखें: आंखों के कॉर्निया का दान करने से दो दृष्टिहीन व्यक्तियों को दुनिया देखने का मौका मिलता है।
जागरूकता क्यों है ज़रूरी?
अंगदान को लेकर समाज में अभी भी कई तरह की भ्रांतियाँ और डर मौजूद हैं। इस दिन विभिन्न संगठन और स्वास्थ्य विभाग लोगों को अंगदान से जुड़ी सही जानकारी देते हैं। यह बताया जाता है कि अंगदान की प्रक्रिया पूरी तरह से वैज्ञानिक और सुरक्षित होती है और इससे व्यक्ति के सम्मान पर कोई असर नहीं पड़ता।
अंगदान का संकल्प लेना एक नेक और मानवता भरा कदम है, जो मृत्यु के बाद भी व्यक्ति को अमर बना सकता है। ‘वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे’ हमें यही संदेश देता है कि हमारी छोटी सी पहल किसी और के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है।
“तलाक के बाद आत्महत्या तक के ख्याल आए थे” — युजवेंद्र चहल का भावुक खुलासा, बोले- ‘मैंने कभी किसी को धोखा नहीं दिया’
भारतीय क्रिकेट टीम के स्पिनर युजवेंद्र चहल ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में अपनी निजी जिंदगी को लेकर बड़ा और भावुक खुलासा किया है। पहली बार उन्होंने अपनी पत्नी धनश्री वर्मा से हुए तलाक को लेकर खुलकर बात की और बताया कि यह फैसला अचानक नहीं लिया गया था, बल्कि लंबे समय से इसकी प्रक्रिया चल रही थी।
चहल ने कहा कि वे और धनश्री दोनों इस बात पर सहमत थे कि जब तक सबकुछ निश्चित नहीं हो जाता, तब तक इस बात को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमने पब्लिक में दिखावा इसलिए किया क्योंकि हमें उम्मीद थी कि शायद सब ठीक हो जाए।”
आत्महत्या जैसे ख्याल आने लगे थे
इस बातचीत के दौरान चहल ने यह भी स्वीकार किया कि तलाक की प्रक्रिया के दौरान उनकी मानसिक स्थिति बेहद खराब हो गई थी। उन्होंने बताया कि वह एक महीने तक सिर्फ दो घंटे ही सो पाते थे और उनके मन में आत्महत्या जैसे ख्याल आने लगे थे।
“मैंने अपने कुछ दोस्तों से यह बातें शेयर की थीं। मुझे क्रिकेट से ब्रेक लेना पड़ा, क्योंकि मैदान पर भी मेरा ध्यान नहीं लग रहा था,” चहल ने यह भी बताया कि तलाक के दौरान उन्हें सोशल मीडिया पर ‘चीटर’ तक कहा गया, जबकि उन्होंने कभी किसी को धोखा नहीं दिया।
“मेरे घर में दो बहनें हैं। मैं महिलाओं की इज्जत करना जानता हूं। सिर्फ किसी के साथ देख लिए जाने पर अफवाहें उड़ाई जाती हैं, व्यूज के लिए बातें बनाई जाती हैं।”
टीआरपी की बुक द फैदर्ड फ्रेंड्स को मिल रहा अच्छा प्रतिसाद, मुख्यमंत्री साय, सासंद अग्रवाल और वन मंत्री कश्यप ने की सराहना
रायपुर। देश की प्रतिष्ठित टीआरपी न्यूज, रायपुर द्वारा प्रकाशित फैदर्ड फ्रेंड्स, यानि हमारे पंख वाले मित्र कॉफी टेबल बुक को काफी अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। इस कॉफी टेबल बुक में छत्तीसगढ़ राज्य की जैव विविधता, जलवायु स्थानीय पक्षियों के साथ साथ विदेश से आने वाले पक्षियों के काल चक्र को दर्शाया गया है। छत्तीसगढ़ में रहने वाले और देश-विदेश से आने वाले पक्षियों के लिए यह राज्य कितना अनुकूल है, यह दिखाने का एक प्रयास किया गया है। इस काफी टेबल बुक में 50 से अधिक प्रजाति के पक्षियों की खूबसूरत तस्वीरें जानकारी के साथ दिखाई गई हैं।
छत्तीसगढ़ में कॉफी टेबल बुक फैदर्ड फ्रेंड्स को काफी अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से लेकर कैबिनेट के मंत्रीगण, सांसदगण, प्रशासनिक अमले के उच्चाधिकारियों, समस्त जिला कलेक्टर, वन विभाग, शिक्षा व उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बुक की सराहना करते हुए इसे पर्यावरणप्रेमियों और छात्रों के लिए काफी उपयोगी बताया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और जलवायु परिवर्तन विभाग वन्य प्राणियों के साथ साथ पक्षियों के संरक्षण संवर्धन की दिशा में लगातार काम कर रहा है। इसी तारतम्य में यह बुक काफी उपयोगी साबित हो रही है।
छत्तीसगढ़ के वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर सत्यप्रकाश पांडेय ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में घूमकर प्रवासी और स्थानीय पक्षियों की फोटो खींची और उन तस्वीरों के माध्यम से हमारे छत्तीसगढ़ की सम्पन्न जैव विविधता को दिखाने की कोशिश की है। राज्य में अलास्का, मंगोलिया, साइबेरिया से विभिन्न प्रजाति के पक्षी विभिन्न मौसम में आते है। यहां आने वाले विदेशी पक्षियों में हर पक्षी की अपनी विशेषता है, खासकर बार हेडेड गुस जैसा पक्षी जो हिमालय की ऊंचाई को पार करके देश के विभिन्न हिस्सों में शीतकाल बिताने आता है। यह दुर्लभ और खास पक्षी राज्य के रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा संभाग के अलग अलग क्षेत्रों में अपना प्रवास बिताते हैं।
उल्लेखनीय है कि टीआरपी न्यूज द्वारा प्रकाशित काफी टेबल बुक फैदर्ड फ्रेंड्स का विमोचन वन मंत्री केदार कश्यप ने किया है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक छत्तीसगढ़ की समृद्ध जैव विविधता और पक्षी जीवन को प्रदर्शित करती है। इस पुस्तक के माध्यम से यह प्रमाणित होता है कि छत्तीसगढ़ की जलवायु न केवल स्थानीय पक्षियों के लिए अनुकूल है, बल्कि यहां दूर देशों से प्रवासी पक्षी भी शरण लेते हैं। इस बुक का संपादन टीआरपी न्यूज के प्रधान संपादक उचित शर्मा के मार्गदर्शन में उनकी पूरी टीम और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर सत्यप्रकाश पांडे के साथ रिसर्च विंग के सुनील दुबे ने की है।
कौन सा धर्म छोड़ रहे तेजी से लोग? हिंदू और इस्लाम की क्या है स्थिति ?
दुनिया में कई धर्म के लोग रहते हैं, जिनकी जनसंख्या मिलाकर 800 करोड़ से ज्यादा है. वर्ल्डोमीटर की रिपोर्ट के मुताबिक इन 800 करोड़ में सबसे ज्यादा आबादी इस्लाम और ईसाई धर्म को मानने वालों की है. हालांकि, इस बीच प्यू रिसर्च रिपोर्ट ने एक सर्वे आधारित खुलासा किया है कि दुनिया में 55 वर्ष से कम आयु के 10 में से 1 वयस्क ने अपने बचपन के धर्म को छोड़ दिया है.
प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, ईसाई धर्म को वैश्विक स्तर पर धर्म परिवर्तन के कारण सबसे अधिक शुद्ध नुकसान हुआ है. आंकड़ों के अनुसार ईसाई धर्म में पले-बढ़े हर 100 लोगों में से 17.1 ने धर्म छोड़ दिया. केवल 5.5 लोग ऐसे थे, जिन्होंने ईसाई धर्म को अपनाया. यानी कुल मिलाकर 11.6 लोगों का नेट लॉस हुआ. ईसाई धर्म के अनुयायियों में यह गिरावट चिंता का विषय है.
बौद्ध धर्म में धर्मांतरण की ऊंची दर
बौद्ध धर्म से जुड़े आंकड़े भी कम चौंकाने वाले नहीं हैं.100 बौद्धों में से 22.1 लोगों ने धर्म छोड़ा, जो कि सभी धर्मों में सबसे अधिक है. वहीं 12.3 लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाया, जिससे शुद्ध नुकसान 9.8 का हुआ. यानी बौद्ध धर्म में धर्म परिवर्तन की गतिविधि दोनों तरफ देखी जा रही है – धर्म छोड़ने और अपनाने दोनों ही. अवधारण दर केवल 78% होने से यह धर्म अपने अनुयायियों को बनाए रखने में सबसे पीछे है.
धार्मिक रूप से असंबद्ध लोगों का सबसे अधिक फायदा
इस रिपोर्ट में एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी सामने आया कि धार्मिक रूप से असंबद्ध लोगों (Nones) को सबसे अधिक लाभ हुआ है. 100 में से 24.2 लोगों ने धार्मिक संबद्धता छोड़ी और असंबद्ध बने, जबकि केवल 7.5 ने असंबद्धता को छोड़ा और किसी धर्म में शामिल हुए. इस तरह, 16.7 का शुद्ध लाभ हुआ. यह दर्शाता है कि आज की पीढ़ी में आस्था से दूरी बढ़ रही है और धार्मिक स्वतंत्रता को अपनाने का रुझान तेज हो गया है.
मुस्लिम और हिंदू धर्म में स्थिरता
मुस्लिम और हिंदू धर्मों में धर्म परिवर्तन की दर काफी स्थिर रही है. धर्म छोड़ने और अपनाने वालों की संख्या लगभग बराबर है. इसलिए इन धर्मों को शुद्ध रूप से कोई खास फायदा या नुकसान नहीं हुआ. यह संभवतः इन समुदायों की सामाजिक-सांस्कृतिक मजबूती और धर्म से जुड़ी पारिवारिक/सामुदायिक प्रतिबद्धता की वजह से हो सकता है.
किन देशों में सबसे ज्यादा होता है धर्म परिवर्तन?
उच्च HDI वाले देशों में धर्म परिवर्तन आम बात है. संयुक्त राष्ट्र के मानव विकास सूचकांक (HDI) से यह स्पष्ट होता है कि जिन देशों का HDI स्कोर 0.8 या उससे अधिक है (जैसे अमेरिका, कनाडा, यूरोपीय देश) वहां 18% वयस्कों ने अपने बचपन का धर्म छोड़ा. ये देश अधिक शैक्षिक स्तर, उच्च आय और स्वतंत्रता से जुड़े होते हैं, जिससे लोग स्वतंत्र विचारधारा को अधिक अपनाते हैं. जिन देशों का HDI स्कोर 0.55 से कम है (जैसे अफ्रीका और दक्षिण एशिया के कुछ भाग), वहां केवल 3% लोग ही अपने बचपन के धर्म को छोड़ते हैं. इसका कारण हो सकता है, धार्मिक सामाजिक दबाव, कानूनी बंदिशें या पारंपरिक संरचना इसका कारण हो .
ट्रंप सरकार में अहम भूमिका निभाएंगे टेस्ला प्रमुख एलन मस्क और भारतवंशी विवेक रामास्वामी
अमेरिका/ ट्रंप सरकार में टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क और विवेक रामास्वामी को सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है, जिसका उद्देश्य सरकारी नौकरशाही को खत्म करना, अनावश्यक विनियमनों को कम करना, बेकार के खर्चों में कटौती करना और संघीय एजेंसियों का पुनर्गठन करना है।
पीसीडब्ल्यूजे की बैठक में शामिल हुई राष्ट्रीय सचिव शशि दीप, महिला पत्रकारों द्वारा शाल, स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया गया सम्मानित
रायपुर। पत्रकारों की राष्ट्रीय संस्था प्रेस क्लब ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स मुम्बई (महाराष्ट्र)की राष्ट्रीय महासचिव शशि दीप कल रायपुर में थीं, वे विगत कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ प्रवास पर थीं , इस अवसर पर कल उन्होंने राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक ली और संस्था की विभिन्न प्रदेशों में गतिविधियों की जानकारी को साझा किया। उपस्थित प्रदेश पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ में संस्था के विस्तार व पत्रकारिता व पत्रकार कल्याण को लेकर अपनी गतिविधियों की जानकारी दी।
वीआईपी चौक, जी ई रोड स्थित बेबीलोन कैपिटल में प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के छत्तीसगढ़ प्रदेश कार्यकारिणी ने प्रदेश अध्यक्ष अजित कुमार शर्मा के नेतृत्व में मुम्बई से आई संस्था के राष्ट्रीय सचिव शशि दीप का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। ततपश्चात महिला दिवस के अवसर पर स्थानीय वरिष्ठ महिला पत्रकार शकुंतला तरार द्वारा शॉल से शशि जी का सम्मान किया गया , रायपुर की पत्रकार चित्रा पटेल के हाथों शशि दीप जी को स्मृति चिन्ह भेंट कर छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा सम्मानित किया गया।
प्रेस क्लब ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के प्रदेश पदाधिकारी इस मौके पर मौजूद थे जिनमें प्रदेश महासचिव अनुपम वर्मा, उपाध्यक्ष द्वय सुदीप्तो चटर्जी व दिलीप वर्मा, प्रदेश सचिव अमित अग्रवाल, रायपुर संभाग अध्यक्ष दीपक श्रीवास्तव, संभाग महासचिव कौशल शर्मा, कार्यकारिणी सदस्य निखिल भटनागर, दिनेश साहू, संस्कार तम्बोली उपस्थित थे। कार्यक्रम में संस्था के प्रदेश समन्वयक सुधीर आज़ाद तम्बोली के साथ प्रदेश संरक्षक वरिष्ठ पत्रकार पी. सी. रथ विशेष रूप से मौजूद थे।
छात्रावास अधीक्षक के लिए 300 पदों पर निकली सीधी भर्ती, 12वीं पास युवा कर सकते हैं आवेदन, जानिए कैसे करें अप्लाई
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार का सुनहरा अवसर है. छत्तीसगढ़ व्यापम ने छात्रावास अधीक्षक के 300 पदों पर वैकेंसी जारी किया है. हॉस्टल वार्डन की इस भर्ती के लिए 12वीं पास पर चुके युवा ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. जानिए कैसे करें आवेदन.
छात्रावास अधीक्षक के आवेदन के लिए आपको पहले vyapam.cgstate.gov.in की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा. जिसपर जाकर आप आवेदन कर सकते हैं.
छत्तीसगढ़ व्यापम ने आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए छात्रावास अधीक्षक श्रेणी “द” पदों पर सीधी भर्ती के लिए अपने ऑफिशियल वेबसाइट पर अधिसूचना प्रकाशित किया है. छत्तीसगढ़ छात्रावास अधीक्षक भर्ती 2024 में 300 पदों के लिए योग्य एवं इच्छुक 12वीं पास महिला और पुरुष अभ्यार्थी छत्तीसगढ़ व्यापम के निर्धारित समय अवधि तक अपनी संपूर्ण शैक्षणिक योग्यता संबंधित दस्तावेजों के साथ फॉर्म भर सकते हैं. इसके लिए 18 से 35 वर्ष आयु सिमा निर्धारित की गई है.
आवेदन करने की आखिरी तारीख और चयन प्रक्रिया
छात्रावास अधीक्षक सीधी भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया 1 मार्च 2024 से शुरू हुई है और फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2024 है. Hostel Warden Bharti में अभ्यर्थियों का सिलेक्शन लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाएगा. साथ ही इन पदों के लिए चयनित होने वाले उम्मीदवारों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सातवां वेतनमान के आधार पर प्रतिमाह सैलरी भुगतान किया जाएगा. जिसमें सैलरी 25300 से 80500 रुपये प्रति महीना तक होगी.
बांह पर काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरी टीम इंडिया, जानिए खिलाड़ियों ने आखिर ऐसा क्यों किया…
राजकोट। टीम इंडिया और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला राजकोट में खेला जा रहा है. इस मुकाबले में टीम इंडिया के खिलाड़ी बांह में काली पट्टी बांधे नजर आए. इससे फैंस के मन में सवाल उठने लगा है कि आखिर टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने पट्टी क्यों बांधी है. हालांकि, बीसीसीआई ने इसका जवाब सोशल मीडिया प्लेटफार्म (X) पर शेयर कर इसकी वजह बताई है.
बता दें कि हाल ही में पूर्व भारतीय बल्लेबाज दत्ताजीराव गायकवाड का हाल ही में निधन हुआ है, जो सबसे उम्रदराज क्रिकेटर थे. जिनकी याद में टीम इंडिया काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरी है. काली पट्टी बांधने की जानकारी बीसीसीआई ने दी है.
पूर्व भारतीय बल्लेबाज दत्ताजीराव गायकवाड ने 1952 से लेकर 1962 के बीच टीम इंडिया के लिए 11 टेस्ट मैच खेले हैं. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में 1952 में टेस्ट डेब्यू किया था और अपना आखिरी मुकाबला पाकिस्तान के खिलाफ चेन्नई में खेला था.
छत्तीसगढ़ में बारिश और आंधी-तूफान का अलर्ट
रायपुर। राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में फिर से मौसम का मिजाज बदलने वाला है। मौसम विभाग ने छत्तीसगढ़ में तेज आंधी के साथ जोरदार बारिश और वज्रपात का यलो अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग का कहना है कि छत्तीसगढ़ में 11 से 14 फरवरी के दौरान 4 दिन तक मौसम खराब रहेगा. मौसम विभाग की ओर से किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है. वहीं छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में ओले भी पड़ने की संभावना भी मौसम विभाग ने जताई है.
मौजूदा समय में छत्तीसगढ़ के मौसम की बात करें तो मौसम विभाग ने आज मौसम शुष्क रहने के साथ कई जिलों में बारिश की संभावना जताई है. प्रदेश के तापमान में अब बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. आज कई इलाकों में गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी और हल्की बारिश हो सकती है. इसके वजह से पारा गिर सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर से आने वाली ठंडी और शुष्क हवाओं के कारण प्रदेश के तापमान में बदलाव हो रहा है.
China's economy: चीन का हाउसिंग सेक्टर तीन साल से लगातार बर्बाद होता जा रहा, जानिए क्यों
China's economy: एवरग्रांडे, चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी, बिकने के कगार पर है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की चिंता इससे और बढ़ी है। चीनी शेयर बाजार पिछले पांच वर्षों के निचले लेवल पर है।
एक तरफ जहां भारत करीब 7% की दर से ग्रोथ कर रहा है, तो दूसरी तरफ पड़ोसी चीन कई दशकों की सबसे खतरनाक सुस्ती से जूझ रहा है। चीन का हाउसिंग सेक्टर तीन साल से लगातार बर्बाद होता जा रहा है। चीन और दुनिया की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रांडे (Evergrande) के बिकने की नौबत आ गई है। हांगकांग की कोर्ट ने कंपनी को संपत्ति बेचकर कर्ज चुकाने का आदेश दिया है। यह कंपनी 24 लाख करोड़ के कर्जे में डूबी है। चीनी शेयर बाजार लगातार नीचे जा रहा है। युवाओं में बेरोजगारी तेजी से फैल रही है। चीनी सरकार स्थिति को छुपाने के लिए अब आंकड़ों में भी हेरफेर कर रही है।
बिकने जा रही चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी
एवरग्रांडे के बिकने की नौबत आने से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी को तगड़ा झटका लगा है। यही नहीं, पिछले 3 साल में 50 से अधिक चीनी रियल एस्टेट डेवलेपर्स कर्ज का पुनर्भुगतान करने में डिफॉल्ट कर चुके हैं। सोमवार को कोर्ट के आदेश के बाद एवरग्रांडे का शेयर 20 फीसदी टूट चुका है। इसके बाद स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर की ट्रेडिंग को रोक दिया गया।
9 साल के बुरे दौर से गुजर रहा प्रॉपर्टी मार्केट
चीन की पिछले साल आधिकारिक जीडीपी ग्रोथ रेट 5.2 फीसदी रही थी, जो कोरोना काल को छोड़कर दशकों की सबसे खराब परफॉर्मेंस है। चीन की जीडीपी में रियल एस्टेट की हिस्सेदारी 30 फीसदी के करीब है। रियल एस्टेट सेक्टर के संकट से चीनी इकॉनमी को बड़ा नुकसान हुआ है। चीन की प्रॉपर्टी मार्केट 9 साल के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। यह संकट दूसरे सेक्टर्स में भी फैल चुका है। चीन के बैंकिंग सेक्टर से भी अच्छी खबरें नहीं आ रही हैं। वहीं, चीन का शेयर बाजार 5 साल के निचले लेवल पर है।
बढ़ेगी बेरोजगारी
एवरग्रांडे के बर्बाद होने से 18 ट्रिलियन डॉलर की चीनी इकॉनमी के लिए चिंताएं काफी बढ़ गई हैं। एवरग्रांडे में करीब 2 लाख कर्मचारी काम करते हैं। कंपनी के दिवालिया होने पर ये लोग बेरोजगार हो जाएंगे। चीन के रियल एस्टेट में सुस्ती के चलते कई डेवलपर्स बर्बाद हो गए हैं।
रायपुर सहित कई जगहों पर हुई बारिश
रायपुर। सुबह से कवर्धा और रायपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में हल्की बारिश से मौसम ठंडा हो गया है। दुर्ग-भिलाई और रायपुर समेत कई जिलों में बादल छाए हुए हैं. ऐसा आर्द्र हवाओं के आने से होता है.
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि एक ट्रफ रेखा आंतरिक दक्षिण कर्नाटक से लेकर दक्षिण छत्तीसगढ़ तक 0.9 किमी ऊंचाई तक है। बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के कारण राज्य में बादल छाए रहेंगे। उत्तरी छत्तीसगढ़ में न्यूनतम तापमान में गिरावट की संभावना है. आने वाले दिनों में राज्य में मौसम ठंडा रहने की संभावना है. हालांकि न्यूनतम तापमान में गिरावट होगी, लेकिन अधिकतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा.
उत्तरी छत्तीसगढ़ में अभी भी शीतलहर चल रही है और मध्य छत्तीसगढ़ में न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर है. सोमवार को रायपुर का न्यूनतम तापमान 15.2 डिग्री रहा, जो सामान्य से एक डिग्री ज्यादा है। अंबिकापुर में न्यूनतम तापमान 5.0 डिग्री रहा, जो सामान्य से चार डिग्री कम है। पेंड्रा रोड पर न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री रहा, जो सामान्य से दो डिग्री कम है।
फसल अवशेष प्रबंधन: कृषि उत्पादन बढ़ाने और उर्वरता संरक्षण पर किसानों को दी गई जानकारी
रायपुर। कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि किसानों को भरपूर उत्पादन लेने के लिए भूमि की उर्वरता को संरक्षित रखना चाहिए। इसके लिए उन्हें फसल अवशेष प्रबंधन के साथ ही रासायनिक खादो पर निर्भरता कम करते हुए अधिक से अधिक जैविक खादो का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा उन्हें फसल चक्रण भी अपनाना होगा। यह जानकारी छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद्, रायपुर एवं फार्मर्स फर्स्ट परियोजना, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में राजनांदगांव के पं. शिव कुमार शास्त्री कृषि महाविद्यालय एवं अनुसन्धान केंद्र सुरगी में आयोजित कार्यशाला में दी गई।
इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के 38वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित इस कार्यशाला में छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के वैज्ञानिक डॉ. अखिलेश त्रिपाठी ने फसल अवशेष प्रबंधन एवं संसाधन उपयोग क्षमता बढ़ाने हेतु संरक्षित कृषि के लिए कृषक बंधुओं एवं छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया। उन्होंने कृषि विषयों के शोधार्थियों एवं कृषि वैज्ञानिकों को मौसम पूर्वानुमान से संबंधित अन्वेषण की ओर अपनी खोज करने हेतु प्रेरित किया। ग्राम सुरगी के सरपंच आनंद साहू ने जैविक खाद के उपयोग पर जोर दिया।कृषि कर्मचारी संघ द्वारा मुख्य अतिथि के कर कमलों से इस वर्ष के पंचांग का विमोचन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक डॉ. विनम्रता जैन, प्राध्यापक ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक के साथ ही बड़ी संख्या में कृषक और छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।