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‘संविधान हमें एक परिवार की तरह रखता है’, देश के नाम संबोधन में बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, महाकुंभ का भी किया जिक्र
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को संबाेधित किया. राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में एक देश-एक चुनाव, महाकुंभ तथा ISRO (Indian Space Research Organisation) के स्पैडेक्स (SPADEX) मिशन का भी जिक्र किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ”संविधान (Constitution) भारतीयों के रूप में हमारी सामूहिक पहचान का आधार प्रदान करता है, यह हमें एक परिवार के रूप में बांधता है”. उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ (One Nation, One Election) योजना शासन में निरंतरता को बढ़ावा दे सकती है और वित्तीय बोझ को कम कर सकती है.
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में शामिल भारत को ज्ञान और विवेक का उद्गम माना जाता था लेकिन भारत को एक अंधकारमय दौर से गुजरना पड़ा. इसके अलावा उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बातों को रखा.
संबोधन की शुरूआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मैं, आप सबको हार्दिक बधाई देती हूं. आज से 75 वर्ष पहले, 26 जनवरी के दिन ही भारत का संविधान, लागू हुआ था.” राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत विश्व का नेतृत्व कर रहा है.
राष्ट्रपति ने कहा, ‘गणतंत्र दिवस का उत्सव, सभी देशवासियों के लिए सामूहिक उल्लास और गौरव का विषय है. यह कहा जा सकता है कि किसी राष्ट्र के इतिहास में 75 साल का समय, पलक झपकने जैसा होता है. लेकिन मेरे विचार से, भारत के पिछले 75 वर्षों के संदर्भ में, ऐसा बिलकुल नहीं कहा जा सकता है. यह वह कालखंड है जिसमें, लंबे समय से सोई हुई भारत की आत्मा फिर से जागी है और हमारा देश विश्व-समुदाय में अपना समुचित स्थान प्राप्त करने के लिए अग्रसर हुआ है.
विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में शामिल भारत को, ज्ञान और विवेक का उद्गम माना जाता था. लेकिन, भारत को एक अंधकारमय दौर से गुजरना पड़ा. औपनिवेशिक शासन में, अमानवीय शोषण के कारण देश में घोर गरीबी व्याप्त हो गई.’ उन्होंने कहा, ‘आज के दिन, सबसे पहले, हम उन शूर-वीरों को याद करते हैं जिन्होंने मातृभूमि को विदेशी शासन की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानियां दीं. उनमें से कुछ स्वाधीनता सेनानियों के बारे में लोग जानते हैं, लेकिन बहुतों के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी.
राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने कहा, “इस वर्ष, हम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहे हैं. वे ऐसे अग्रणी स्वाधीनता सेनानियों में शामिल हैं जिनकी भूमिका को राष्ट्रीय इतिहास के संदर्भ में अब समुचित महत्व दिया जा रहा है.”
राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने कहा, “न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता केवल सैद्धांतिक अवधारणाएं नहीं हैं जिनका परिचय हमें आधुनिक युग में प्राप्त हुआ हो. ये जीवन-मूल्य तो सदा से हमारी सभ्यता और संस्कृति का अंग रहे हैं. भारत के गणतांत्रिक मूल्यों का प्रतिबिंब हमारी संविधान सभा की संरचना में भी दिखाई देता है.
उस सभा में देश के सभी हिस्सों और सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व था. सबसे अधिक उल्लेखनीय बात यह है कि संविधान सभा में सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, सुचेता कृपलानी, हंसाबेन मेहता और मालती चौधरी जैसी 15 असाधारण महिलाएं भी शामिल थीं.”
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के किसानों से कड़ी मेहनत की है और देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है. उन्होंने कहा, “हमारे किसान भाई-बहनों ने कड़ी मेहनत की और हमारे देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया. हमारे मजदूर भाई-बहनों ने अथक परिश्रम करके हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर और मैनुफैक्चरिंग सेक्टर का कायाकल्प कर दिया. उनके शानदार प्रदर्शन के बल पर आज भारतीय अर्थ-व्यवस्था विश्व के आर्थिक परिदृश्य को प्रभावित कर रही है.”
महाकुंभ हमारी सांस्कृतिक विरासत- राष्ट्रपति
राष्ट्रपति मूर्मू ने कहा, “हमारी सांस्कृतिक विरासत के साथ हमारा जुड़ाव और अधिक गहरा हुआ है. इस समय आयोजित हो रहे प्रयागराज महाकुंभ को उस समृद्ध विरासत की प्रभावी अभिव्यक्ति के रूप में देखा जा सकता है. हमारी परंपराओं और रीति-रिवाजों को संरक्षित करने और उनमें नई ऊर्जा का संचार करने के लिए संस्कृति के क्षेत्र में अनेक उत्साह-जनक प्रयास किए जा रहे हैं.”
इसरो के स्पैडेक्स मिशन का किया जिक्र
इसरो की हालिया सफलता को लेकर राष्ट्रपति ने कहा, “भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने हाल के वर्षों में अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं. इस महीने, इसरो ने अपने सफल स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट से देश को एक बार फिर गौरवान्वित किया है. भारत अब विश्व का चौथा देश बन गया है जिसके पास यह क्षमता उपलब्ध है.”
CBSE ने 10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षा को लेकर जारी की गाइडलाइन, एग्जाम से पहले जानें ड्रेस कोड और क्या है बैन
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को 15 फरवरी 2025 से शुरू करने के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश (exam ethics) जारी किए हैं. सीबीएसई ने सभी स्कूलों से कहा है कि वे विद्यार्थियों को परीक्षा से पहले परीक्षा के नियम कायदे बताएं. सीबीएसई ने अपनी आधिकारिक घोषणा में कहा कि इतनी बड़ी परीक्षा को आयोजित करने के लिए सीबीएसई द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पूरी तरह से पालन करना आवश्यक है. बोर्ड ने कहा कि छात्रों के शैक्षणिक हित में निष्पक्ष परीक्षा होनी चाहिए. ऐसे में सीबीएसई की ओर से विस्तृत अनुचित साधन नियम तैयार किए गए हैं. यह जरूरी है कि परीक्षा शुरू होने से पहले बोर्ड एग्जाम में शामिल होने वाले सभी छात्रों को परीक्षा के नियमों और सीबीएसई द्वारा जारी निर्देशों के बारे में सूचित किया जाए.
CBSEने कहा निम्न बातों को लेकर स्कूलों से अपेक्षा की जाती है-
– कृपया अनुचित साधनों को लेकर दिशानिर्देशों (UFM गाइडलाइंस) और लगाए जा सकने वाले दंडों को पढ़ें.
– छात्रों को परीक्षा के तरीकों, नियमों और गलत करने पर सजा के बारे में जानकारी दें. उन्हें बताएं कि अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए और अफवाहों को फैलाना नहीं चाहिए.
– विद्यार्थियों के पेरेंट्स को भी परीक्षा नियमों और सजा के बारे में बताएं.
– परीक्षा के दिन विद्यार्थियों को याद दिलाएं कि वे परीक्षा केंद्र में कोई बैन वाली वस्तु नहीं ले जाएं.
– परीक्षा ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को भी जानकारी दी जानी चाहिए.
सीबीएसई ने सीसीटीवी नीति भी लागू की है, जिसके तहत प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर एक सहायक अधीक्षक, जिसे सीसीटीवी निगरानी कहा जाता है, सभी परीक्षा कक्षों या हॉलों को सीसीटीवी से लैस किया जाएगा. परीक्षा केंद्र में प्रवेश करनेके बाद, किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मोबाइल फोन सहित, को अपने पास रखना, उपयोग करना या उपयोग करने का प्रयास करना, जिसे कम्युनिकेशन डिवाइस के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, अनुचित कार्य व नियमों के खिलाफ माना जाएगा.
CBSE ने नोटिस में ड्रेस कोड भी बताया
– रेगुलर स्टूडेंट्स के लिए – स्कूल यूनिफॉर्म
– प्राइवेट स्टूडेंट्स छात्रों के लिए – हल्के कपड़े
परीक्षा में इन चीजों को ले जाने की अनुमति
ए) रेगुलर छात्रों के लिए एडमिट कार्ड और स्कूल पहचान पत्र
बी) निजी छात्रों के लिए एडमिट कार्ड और कोई भी सरकारी फोटो पहचान प्रमाण
सी) स्टेशनरी सामान, जैसे पारदर्शी पाउच, ज्यामिति या पेंसिल बॉक्स, नीला/रॉयल नीला स्याही/बॉल प्वाइंट/जेल पेन, स्केल, राइटिंग पैड, इरेज़र, और पारदर्शी पानी की बोतल
ई) मेट्रो कार्ड, बस पास, पैसे.
परीक्षा में क्या हैं बैन चीजें
क) कोई भी स्टेशनरी उपकरण, जैसे पाठ्य सामग्री (लिखी या प्रिंटिंग), कागज के टुकड़े, पेन ड्राइव, लॉग टेबल (केंद्रों द्वारा प्रदान की जाती है), इलेक्ट्रॉनिक पेन या स्कैनर, आदि.
ख) कोई भी संचार उपकरण, जैसे ब्लूटूथ, इयरफोन, माइक्रोफोन, मोबाइल फोन, हेल्थ बैंड, स्मार्ट वॉच, पेजर, कैमरा, आदि
ग) अन्य आइटम जैसे वॉलेट, गॉगल्स, हैंडबैग, पाउच, आदि.
नियमों के अनुसार, उपरोक्त वस्तुओं का उपयोग अनुचित साधनों श्रेणी में माना जाएगा और उन्हें सजा मिलेगी.
महाकुंभ मेला क्षेत्र में लगी भयानक आग, फटे सिलेंडर, कई टेंट जलकर हुए खाक
प्रयागराज। महाकुंभ मेला क्षेत्र के शास्त्री ब्रिज सेक्टर-19 कैंप में भीषण आग लगी गई है. आग की लपटें 5 किलोमीटर दूर तक उठती दिखाई दी. घटना के बाद मौके पर हड़कंप मच गया. घटना की जानकारी लगते ही फायर बिग्रेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही हैं.
बता दें कि श्रद्धालु अपने टेंट में खाना बना रहे थे. इसी दौरान आग लग गई. देखते ही देखते आग फैलती गई. जिससे मेला क्षेत्र में सिलेंडर भी ब्लास्ट हुआ. जिससे अब तक 50 से अधिक टेंट जलकर खाक हो चुके हैं. हवे की वजह से आग सेक्टर 19 से 20 तक पहुंच गई है.
जानकारी के अनुसार, ये आग लोहे के ब्रिज के पास लगी है. घटना के बाद इलाके को खाली कर दिया गया है. क्योंकि, टेंट मनें रखे सिलेंडर लगातार फट रहे हैं. गनीमत है कि अभी तक हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है. आग की लपटें और धुएं के गुबार कई किलोमीटर दूर तक दिखाई दे रहे हैं. मौके पर NDRF-SDRF की टीम मौजूद है. आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है।
ADG भानु भास्कर ने कहा, हमें 4:08 बजे सूचना मिली की एक सिलेंडर फटने के कारण सेक्टर 19 में आग लगी है. 3 मिनट में हमारे उत्तर प्रदेश पुलिस और फायर सर्विस के लोग मौके पर पहुंच गए. स्वंय सेवी संस्थान की भी मदद ली गई और लोगों को निकाल लिया गया. स्थल को खाली कराने के बाद 4:30 बजे आग पर काबू पा लिया गया.
DIG वैभव कृष्ण ने कहा, “गीता प्रेस के टेंट में आग लगी है. अखाड़े में आग नहीं लगी है और कोई जनहानि नहीं हुई है. हमारी बचाव टीम लगी हुई है. कितनी आग है उसका सर्वे कराया जा रहा है. किसी को घबराने की आवश्यकता नहीं है. आग काबू में है. आग लगने का कारण जांच का विषय है.
देश को मिले ‘त्रिदेव’: PM मोदी ने INS सूरत, नीलगिरि और वाघशीर इंडियन नेवी को समर्पित किया, बोले- आत्मनिर्भर भारत के लिए आज दिन का सबसे बड़ा
मुंबई। पीएम नरेंद्र मोदी ने आज मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में भारतीय नौसेना के तीन महत्वपूर्ण युद्धपोतों को देश को समर्पित कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय नौसेना की ताकत को पंख लगाने वाले तीन ‘त्रिदेव’ आईएनएस सूरत (INS Surat), आईएनएस नीलगिरि (INS Nilgiri) और आईएनएस वाघशीर (INS vagsheer) को राष्ट्र को समर्पित किया। इन तीनों अल्ट्रा-मॉर्डन वॉर शिप समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
इस दौरान नेवी जवानों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 15 जनवरी को आर्मी डे के रूप में भी मनाया जाता है। आज भारत की समुद्री विरासत नेवी के गौरवशाली इतिहास और आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए भी बहुत बड़ा दिन है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने नौसेना को नया सामर्थ्य दिया था, नया विजन दिया था। आज उनकी इस पावन धरती पर 21वीं सदी की नेवी को सशक्त करने की तरफ हम एक बहुत बड़ा कदम उठा रहे हैं। यह पहली बार हो रहा है, जब एक डिस्ट्रॉयर, फ्रिगेट और सबमरीन को एकसाथ कमीशन किया जा रहा है। ये तीनों मेड इन इंडिया हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सेनाओं ने 5 हजार से ज्यादा ऐसे साजोसमान और उपकरणों की लिस्ट तैयार की है, जो अब वे विदेशों से नहीं मंगाएंगे। जब भारत का सैनिक भारतीय साजोसामान के साथ आगे बढ़ता है, तो आत्मविश्वास भी कुछ अलग ही होता है।
पीएम मोदी ने कहा, “आज भारत पूरे विश्व और खासकर ग्लोबल साउथ में एक भरोसेमंद और जिम्मेदार साथी के रूप में पहचाना जा रहा है। भारत विस्तारवाद नहीं, भारत विकासवाद की भावना से काम करता है। 15 जनवरी के दिन को आर्मी डे के रूप में भी मनाया जाता है। देश की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले प्रत्येक जांबाज को मैं नमन करता हूं। मां भारती की रक्षा में जुटे हर वीर-वीरांगना को मैं बधाई देता हूं।
दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ा है
पीएम मोदी ने कहा कि बीते कुछ महीनों में हमारी नौसेना ने सैकड़ों जानें बचाईं। हजारों करोड़ रुपए के नेशनल और इंटरनेशनल कार्गो की सुरक्षा की है। दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ा है। भारतीय नौसेना, कोस्टगार्ड पर लगातार भरोसा बढ़ता जा रहा है। आसियान हो, ऑस्ट्रेलिया हो, गल्फ हो, अफ्रीका के देश हों, सबके साथ आज भारत का आर्थिक सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है।
भारत मैरीटाइम पावर बन रहा है
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जो प्लेटफॉर्म लॉन्च हुए हैं, उनमें भी इसकी झलक है। नीलगिरी चोल वंश के सामुद्रिक सामर्थ्य के प्रति समर्पित है। सूरत वॉर शिप उस वक्त की याद दिलाता है, जब गुजरात को पोर्ट के जरिए वेस्ट एशिया से जुड़ा था। आज बाघशीर सबमरीन की भी कमीशनिंग हो रही है। कुछ साल पहले पी-75 क्लास के पहली सबमरीन की कमीशनिंग का मौका मिला था। आज इस क्लास की छठी सबमरीन समर्पित कर रहा हूं।
बता दें कि इन युद्धपोतों का निर्माण पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से किया गया है। एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस ये तीन समंदर के सिकंदर जैसे ही सेना के बेड़े में शामिल होंगे, वैसे ही चीन से लेकर पाकिस्तान तक की टेंशन बढ़ जाएगी। इन युद्धपोतों का समर्पण भारतीय नौसेना की सामरिक ताकत को बढ़ाने के लिए एक अहम कदम है। बंगाल की खाड़ी से लेकर हिंद महासागर हो या अरब सागर.. हर हर जगह सिर्फ भारत का ही डंका बजेगा। तो चलिए इसकी खूबी पर एक नजर डालते हैंः-
आईएनएस सूरत (INS Surat)
आईएनएस सूरत भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 15बी के तहत बनाया गया चौथा और आखिरी स्टेल्थ गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर है। 7 नवंबर 2019 को इसकी नींव रखी गई और 17 मई 2022 को इसे लॉन्च किया गया था। इस युद्धपोत में उन्नत रडार सिस्टम और स्टेल्थ फीचर्स हैं जो इसे दुश्मन से छिपकर हमला करने की क्षमता देते हैं। ये 7,400 टन के डिस्प्लेसमेंट के साथ 164 मीटर लंबा है और इसमें समुद्र के अंदर मिसाइलों से लेकर टॉरपीडो तक सभी प्रकार के हथियार लगे हैं। इसके ‘कंबाइंड गैस एंड गैस’ (COGAG) प्रोपल्शन सिस्टम से ये पोत 30 नॉट्स (56 किमी/घंटा) की गति से दौड़ सकता है।
आईएनएस नीलगिरि (INS Nilgiri)
यह प्रोजेक्ट 17ए के तहत बनाया गया स्टेल्थ फ्रिगेट है, जिसे अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है। साल 1996 में रिटायर किए गए पुराने INS नीलगिरि का ये नया वर्जन अब समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और दुश्मनों को करारा जवाब देने के लिए तैयार है। इसे 28 दिसंबर 2017 को स्थापित किया गया था और 28 सितंबर 2019 को ये लॉन्च किया गया था। ये 6,670 टन का है और 149 मीटर लंबा हैष आईएनएस नीलगिरि का डिजाइन रडार सिग्नेचर को कम करने के लिए विशेष रूप से किया गया है, जिससे ये दुश्मन की निगाहों से बच सकता है। ये शिप सुपरसोनिक सतह-से-सतह और मीडियम रेंज सतह-से-हवा मिसाइलों से तैयार किया गया है, जिससे ये समुद्र में स्थित अलग-अलग खतरों से निपटने में सक्षम होगा। यह युद्धपोत न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि समुद्री क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के लिए बड़ी चुनौती भी साबित होगा।
आईएनएस वाघशीर (INS vagsheer)
आईएनएस वाघशीर भारतीय नौसेना की स्कॉर्पीन-क्लास प्रोजेक्ट 75 के तहत निर्मित छठी और आखिर डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन है। ये विशेष रूप से गुप्त संचालन के लिए डिजाइन की गई है ताकि ये दुश्मन के इलाकों में बिना किसी शोर के अपने मिशन को अंजाम दे सके। ये 67 मीटर लंबी और 1,550 टन वजनी पनडुब्बी वायर-गाइडेड टॉरपीडो, एंटी-शिप मिसाइल और उन्नत सोनार सिस्टम से लैस है। फ्यूचर में इसमें एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक को जोड़ने की संभावना है जो इसकी क्षमता को और भी बढ़ाएगी।
चीन-पाक की बढ़ेगी टेंशन
चीन की नेवी के पास करीब 370 से ज्यादा वारशिप और सबमरीन हैं। इसलिए भारत तेज रफ्तार से समंदर के अंदर से चीन को काउंटर करने के लिए तैयार है। इसके लिए भारत ने स्वदेशी एलक्ट्रिक और डीजल से चलने वाली विध्वंसक पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर को उतारेगा। आधुनिक युद्धपोत, पनडुब्बियां और हथियार प्रणाली विकसित कर भारत ने समुद्री क्षेत्र में अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत किया है। चीन जहां हिंद महासागर में अपनी नौसैनिक गतिविधियों को बढ़ा रहा है, वहीं भारत की तेजी से बढ़ती शक्ति उसे पीछे धकेलने में सक्षम है। इसके अलावा, पाकिस्तान की नौसेना क्षमता भारत के इन महाबलियों के आगे बिल्कुल भी नहीं टिक पाएगी।
बीजेपी के पूर्व विधायक के घर IT की रेड, मिला 14 किलो सोना और 3 मगरमच्छ
भोपाल। मध्यप्रदेश के बंडा से पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के घर पर आयकर विभाग ने रेड मारी तो बड़ी काली कमाई का खुलासा हुआ लेकिन IT टीम उस वक्त हैरान रह गई.. जब छापेमारी में पूर्व विधायक के घर से मगरमच्छ बरामद हुआ. आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान... पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के घर में 3 मगरमच्छ मिले घर में मगरमच्छ देखकर आयकर विभाग के अधिकारी भी शॉक्ड रह गए और हैरानी की बात तो ये है कि.. पूर्व विधायक के बंगले के अंदर ही तीनों मगरमच्छ मिले हैं.
दरअसल, बीजेपी के पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के यहां.. पिछले 3 दिनों से आईटी की रेड चल रही है, छापेमारी के दौरान पूर्व विधायक के घर से... 14 किलो सोना और 4 करोड़ की नगदी भी बरामद हुई लेकिन बंगले के अंदर मिले 3 मगरमच्छ के बाद... पूर्व विधायक चर्चा में हैं. ये भी खुलासा हुआ है कि पूर्व विधायक ने... बंगले के अंदर मगरमच्छों के लिए तालाब बना रखा है. मगरमच्छ पालना गैरकानूनी है... इसलिए आयकर विभाग ने इसकी सूचना वन विभाग को दे दी है. इस मामले में जांच और कानूनी कार्रवाई जारी है.
महाकुंभ को लेकर रावण के बिगड़े बोल...
दिल्ली/ खुद को दलितों का मसीहा बताने वाले आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना सीट से लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आजाद ने महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दिया है. चंद्रशेखर ने कहा है कि महाकुंभ में वही लोग जाएंगे जिन्होंने पाप किए हैं.
आपको बता दें कि प्रयागराज में महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होगा और इसका समापन 26 फरवरी की तारीख को होगा. महाकुंभ में सनातन समाज के सभी वर्णों के करोड़ों लोग बिना भेदभाव के शामिल होंगे और महाकुंभ में पुण्य स्नान करेंगे.तैयारियों के बीच महाकुंभ को लेकर विवादित बयानों का सिलसिला भी जारी है.
सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने नीति बनाए सरकार -हाई कोर्ट
लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डाक्टरों द्वारा मरीजों का इलाज नहीं करने पर चिंता जाहिर की. कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने के लिए एक नीति लाए.
यह आदेश जज रोहित रंजन अग्रवाल ने मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज के प्रोफेसर डॉ अरविंद गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. इस दौरान जज ने कहा कि यह एक समस्या हो गई है कि मरीजों को इलाज के लिए निजी नर्सिंग होम और अस्पतालों के लिए रेफर किया जाता है. कोर्ट में कहा कि राज्य सरकार द्वारा नियुक्त चिकित्सक मेडिकल कालेज और सरकारी अस्पतालों में मरीजों का इलाज नहीं कर रहे और सिर्फ पैसों के लिए मरीजों को निजी नर्सिंग होम और अस्पतालों के लिए रेफर किया जा रहा है.
मोदी ने कहा-मै भी मनुष्य हूं, देवता नहीं! गलतियां मुझसे भी होती है
दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में अपने मन में चल रही कई बातें साझा की। उन्होंने कहा कि "मैं भी मनुष्य हूं, देवता नहीं हूं। मुझसे भी गलतियां होती हैं।" उन्होंने राजनीति में आने के उद्देश्य पर बात करते हुए कहा कि राजनीति में एंबीशन नहीं, बल्कि मिशन होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि राजनीति में अच्छे लोग लगातार आना चाहिए।
जब पीएम मोदी से पूछा गया कि पहले और दूसरे टर्म में क्या अंतर है, तो उन्होंने कहा कि पहले टर्म में लोग मुझे समझने की कोशिश करते थे, और मैं भी दिल्ली को समझने की कोशिश कर रहा था। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने युवाओं को राजनीति में आने के लिए यह संदेश दिया कि अगर वह राजनीति में आना चाहते हैं तो उनके पास एक मिशन होना चाहिए।
मोदी के करीबी चंद्र आर्य हो सकते है कनाडा के पहले हिंदू प्रधानमंत्री
टोरंटो/दिल्ली। कनाडा में भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने गुरुवार को प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की। उन्होंने यह घोषणा कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के कुछ दिनों बाद की। चंद्र आर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि वह कनाडा के अगले प्रधानमंत्री बनकर देश के पुनर्निर्माण और समृद्धि की दिशा में काम करना चाहते हैं।
चंद्र आर्य ने लिखा, "मैं कनाडा के अगले प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव लड़ रहा हूं, ताकि अपने देश का पुनर्निर्माण कर सकूं और भावी पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित कर सकूं।" उन्होंने कहा कि कनाडा को ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है जो बड़े और साहसिक निर्णय लेने से डरता न हो। आर्य ने यह भी कहा कि कनाडा को आज कठिन फैसलों की आवश्यकता है, ताकि देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया जा सके और सभी कनाडाई नागरिकों के लिए समान अवसर मिल सकें।
चंद्र आर्य का जन्म कर्नाटक के तुमकुर जिले के द्वारलू गांव में हुआ था और उन्होंने धारवाड़ के कर्नाटक विश्वविद्यालय से एमबीए किया। 2006 में कनाडा जाने के बाद, उन्होंने पहले इंडो-कनाडा ओटावा बिजनेस चैंबर के अध्यक्ष के रूप में काम किया और बाद में 2015 के कनाडाई संघीय चुनाव में नेपियन राइडिंग से सांसद बने। उन्हें 2019 और 2021 में भी दोबारा चुना गया।
चंद्र आर्य की राजनीति में सक्रियता विशेष रूप से भारतीय समुदाय और कनाडा के समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों पर रही है। उन्होंने 2022 में कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में अपनी मातृभाषा कन्नड़ में भाषण दिया और टोरंटो में हिंदू मंदिरों की तोड़फोड़ के मामलों में भी मुखर रूप से अपनी आवाज उठाई। इस हमले के लिए उन्होंने खालिस्तानी चरमपंथियों को जिम्मेदार ठहराया।
अपने प्रधानमंत्री बनने के इरादे के बारे में आर्य ने कहा कि कनाडा को एक ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो बड़े और साहसिक फैसले ले सके, जैसे कि अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण, देश में समृद्धि की बहाली और सभी कनाडाई नागरिकों के लिए समान अवसर पैदा करना। उन्होंने कहा, "साहसिक राजनीतिक निर्णय अब वैकल्पिक नहीं, बल्कि आवश्यक हैं।"
आर्य ने यह भी कहा कि यदि वह लिबरल पार्टी के नेता बनते हैं, तो वह कठिन और साहसिक निर्णय लेंगे, जो कनाडा के भविष्य के लिए जरूरी हैं। उन्होंने कनाडा को एक संप्रभु गणराज्य बनाने का वादा किया और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए खास कदम उठाने की बात की।
कनाडा में आज कई लोग विशेष रूप से युवा पीढ़ी गंभीर आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। मध्यम वर्ग के लोग संघर्ष कर रहे हैं और कई कामकाजी परिवार गरीबी में जा रहे हैं। इन मुद्दों को हल करने के लिए आर्य ने कहा कि उन्हें ऐसे फैसले लेने होंगे जो अगले कुछ दशकों तक देश की समृद्धि सुनिश्चित करें।
आर्य ने यह भी प्रस्तावित किया कि कनाडा का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद अगले 25 वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने सेवानिवृत्ति की आयु को दो वर्ष बढ़ाने और वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और अन्य पेशेवरों को जलवायु परिवर्तन और आर्थिक विकास की दिशा में प्रमुख भूमिका निभाने का अवसर देने की बात की।
कनाडा की राजनीति में यह कदम एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है क्योंकि चंद्र आर्य लिबरल पार्टी के पहले सदस्य हैं जिन्होंने पार्टी के नेतृत्व के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की है। फिलहाल, लिबरल पार्टी के अन्य नेता जैसे फ्रैंक बेलिस, स्टीव मैककिनन, मेलानी जोली और जोनाथन विल्किंसन ने भी पार्टी नेतृत्व के लिए अपनी उम्मीदवारी पर विचार किया है।
जस्टिन ट्रूडो ने पहले ही घोषणा की है कि वह पार्टी के नए नेता के चयन के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। हालांकि, लिबरल पार्टी ने अभी तक आगामी नेतृत्व चुनाव के नियमों का ऐलान नहीं किया है।
वी नारायणन बने ISRO के नये चेयरमैन, एस सोमनाथ की लेंगे जगह, रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन के हैं एक्सपर्ट
नई दिल्ली। वी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नये चेयरमैन होंगे। केंद्र सरकार ने मंगलवार को स्पेस साइंटिस्ट वी. नारायणन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का नया चेयरमैन नियुक्त किया है। उन्हें स्पेस डिपार्टमेंट का सचिव भी बनाया गया है। रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन के एक्सपर्ट नारायणन 14 जनवरी को एस सोमनाथ की जगह लेंगे। सोमनाथ 14 जनवरी को दो साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
नारायणन का कार्यकाल 2 साल का रहेगा। फिलहाल वे वलियामाला स्थित लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) के डायरेक्टर हैं। नारायणन के पास 40 साल का अनुभव है। नारायणन जीएसएलवी एमके-III एम1/चंद्रयान-2 और एलवीएम3/चंद्रयान-3 जैसे प्रोजेक्ट्स में अहम भूमिका निभाई है।
डॉ. नारायणन ISRO में एक बड़ा नाम हैं। उन्होंने GSLV Mk III के C25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में काम किया है। उनकी अगुवाई में टीम ने C25 स्टेज को सफलतापूर्वक विकसित किया। यह GSLV Mk III का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। डॉ. नारायणन के नेतृत्व में LPSC ने विभिन्न ISRO मिशनों के लिए 183 लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम और कंट्रोल पावर प्लांट दिए हैं। उन्होंने PSLV के दूसरे और चौथे चरण के निर्माण पर भी काम किया है। PSLV C57 के लिए कंट्रोल पावर प्लांट भी उनके निर्देशन में बने। आदित्य अंतरिक्ष यान और GSLV Mk-III मिशन, चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 के प्रणोदन प्रणालियों में भी उनका योगदान रहा है।
शुरुआती समय में उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में साउंडिंग रॉकेट और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (एएसएलवी) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में काम किया। वी नारायणन ने प्रक्रिया नियोजन, प्रक्रिया नियंत्रण और एब्लेटिव नोजल सिस्टम, कम्पोजिट मोटर केस और कम्पोजिट इग्नाइटर केस को बनाने में भी अहम भूमिका निभाई। मौजूदा समय में नारायणन एलपीएससी के निदेशक हैं। ये इसरो के प्रमुख केंद्र में से एक है। इसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियमाला में स्थित है। इसकी एक यूनिट बेंगलुरु में अवस्थि है।
बीटेक, एमटेक और पीएचडी पूरी की
डॉ. नारायणन ने अपनी स्कूली शिक्षा और डीएमई प्रथम रैंक और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एएमआईई के साथ पूरी की है। उन्होंने क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में पहली रैंक के साथ एम.टेक और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की। डीएमई पूरा करने के तुरंत बाद, टीआई डायमंड चेन लिमिटेड, मद्रास रबर फैक्ट्री, बीएचईएल, त्रिची और बीएचईएल, रानीपेट में डेढ़ साल तक काम किया। वह 1984 में इसरो में शामिल हुए और जनवरी 2018 को एलपीएससी के निदेशक बनने से पहले विभिन्न क्षमताओं में कार्य किया।
एस. सोमनाथ का रिटायरमेंट 14 जनवरी को
ISRO के मौजूदा चेयरमैन एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को ISRO चेयरमैन का पद संभाला था। वे 3 साल के कार्यकाल के बाद रिटायर हो रहे हैं। उनके कार्यकाल में ISRO ने इतिहास रचा। ISRO ने न केवल चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराई, बल्कि धरती से 15 लाख किमी ऊपर लैगरेंज पॉइंट पर सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-L1 भी भेजा। एस सोमनाथ (60) ने 4 मार्च 2024 को एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें कैंसर है। चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग (23 अगस्त 2023) के समय से मेरी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। हालांकि तब कुछ भी क्लियर नहीं था।
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान, 5 फरवरी को वोटिंग, 8 को नतीजे होंगे घोषित
नई दिल्ली। नए साल का पहला चुनाव राजधानी दिल्ली में है, जहां से पूरा देश रिप्रजेंट होता है और हर क्षेत्र से लोग मिलते हैं. दिल्ली इस बार भी अपने दिल से वोट देगी. चुनाव आयोग ने जानकारी दी कि दिल्ली में 1 करोड़ 55 लाख कुल वोटर्स हैं. 83 लाख से ज्यादा पुरुष मतदाता है. 13 हजार 33 पोलिंग बूथ है. दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में 5 फरवरी को वोटिंग होगी और नतीजे 8 फरवरी को आएंगे.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शेड्यूल की घोषणा करते हुए कहा कि मैं सभी वोटर्स से अपील करता हूँ कि वे लोकतंत्र के महापर्व में भाग लेते रहें. 2024 में 8 राज्यों विधानसभा और लोकसभा चुनाव हुए. हम 99 करोड़ वोटर्स होने वाले हैं. ये खुशी की बात है.
चुनाव प्रक्रिया पर उठाए जा रहे सवालों का दिया जवाब
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनावों की तारीखों को घोषित करने से पहले, वोटर लिस्ट में गलत नाम जोड़ने, हटाने के आरोपों, ईवीएम पर उठाए जा रहे सवालों और वोटिंग पर्सेंटेज में इजाफे जैसे दावों का एक-एक करके जवाब दिया. उन्होंने कहा कि चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष हो रहे हैं. 2020 से 2004 के बीच 21 राज्यों में चुनाव हुए, इनमें से 15 में अलग-अलग दलों की सरकारें बनी, जैसा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया.
13 हजार से अधिक बूथ बनाए जाएंगे
13033 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे, सभी की वेबकास्टिंग होगी, इनमें से 70 महिला मतदान कर्मी संचालित करेंगी, और 85 वर्ष से अधिक आयु के लोग घर से वोट डाल सकेंगे.
दिल्ली में वोटर्स का गणित
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि दिल्ली में अब एक करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 पुरुष (83 लाख 49 हजार 645 पुरुष) और 71 लाख 73 हजार 952 महिला (71 लाख 73 हजार 952 महिला) मतदाता हैं, साथ ही थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 1261 है.
इस तारीख को खत्म होगा विधानसभा का कार्यकाल
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है. पिछले विधानसभा चुनावों की बात करें तो 2020 में भी फरवरी महीने में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें आम आदमी पार्टी जीत हासिल की थी. कांग्रेस ने दिल्ली में पिछले दो विधानसभा चुनावों में भारी हार भोगी है और एक भी सीट नहीं जीती है. 2020 के चुनाव में आप ने 70 में से 62 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा ने आठ सीटें जीतीं.
अंतिम मतदाता सूची जारी हुई
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच बहस के बीच अंतिम मतदाता सूची जारी की गई है. भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव की अंतिम मतदाता सूची जारी की, जिसमें 1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 लोग पंजीकृत हैं, इसमें 84 लाख 49 हजार 645 पुरुष और 71 लाख 73 हजार 952 महिला.
क्या था पिछले चुनाव का नतीजा
2020 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत हासिल किया, जिसमें “आप” ने 70 में से 62 सीटों पर जीत हासिल की, भाजपा ने 8 सीटें जीती, जबकि कांग्रेस लगातार दूसरी बार शून्य पर सिमट गई, जिसमें “आप” लगभग 54 प्रतिशत, भाजपा लगभग 39 प्रतिशत और कांग्रेस लगभग 5 प्रतिशत वोट मिला था.
किसानों के लिए खुशखबरी: मोदी सरकार ने ‘फसल बीमा योजना’ का बढ़ाया बजट, 69,515 करोड़ रुपये को दी मंजूरी, DAP पर भी बढ़ाई सब्सिडी
नई दिल्ली। नए साल के पहले दिन मोदी कैबिनेट ने बैठक में किसानों को नई सौगात दी है. केंद्र सरकार ने किसानों के लिए कई अहम फैसले लिए है. अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में बढ़ती कीमत का असर किसानों पर न पड़ने देने कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है. किसानों को 50 किलो DAP (Diammonium phosphate) का एक बैग 1350 रुपए में ही दिया जाएगा. सरकार ने DAP पर 3850 करोड़ रुपए अतिरिक्त सब्सिडी (Additional Subsidy) देने का निर्णय लिया है. पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट (Union Cabinet) की पहली बैठक पूरी तरह किसानों को सर्मपित रही है. बैठक में कृषि से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लिए गए है. सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का आवंटन बजट बढ़ाकर 69,515 करोड़ रुपये किया गया है.
PM मोदी नए साल पर देंगे तोहफा: 3 जनवरी को झुग्गी वालों को मिलेगा बड़ा गिफ्ट, प्रधानमंत्री सौपेंगे उनके सपनाे के महल की चाबी
नईदिल्ली। दिल्ली के झुग्गीवालों के लिए नए साल पर नया आशियाना मिलने जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी 3 जनवरी को 1645 लोगों को ‘जहां झुग्गी -वहीं मकान स्कीम’ के तहत फ्लैट की चाबी सौंपेगे. दिल्ली में स्वाभिमान फ्लैट के नाम से 1645 नए मकान बनाए गए हैं. 3 जनवरी को PM मोदी इन घरों की चाबियां झुग्गियों में रहने वाले लोगों को देंगे.
बता दे कि एक दिन पहले ही दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने गरीबों के लिए आवास योजनाओं की घोषणा की थी. यह ऐलान दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले किया गया है. दिल्ली में एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी (AAP) विभिन्न योजनाओं के माध्यम से गरीब वर्ग को लुभाने का प्रयास कर रही है तो वहीं अब बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार भी ऐसी योजनाओं को आगे बढ़ा रही है.
दरअसल दिल्ली में फरवरी 2025 में विधानसभा चुनाव होने है ऐसे में दिल्ली की तमाम राजनीतिक दले गरीबों को लुभाने में जुटी हुई एक ओर जहां केन्द्र सरकार दिल्ली के लोगों के नए-नए घोषणाए कर रही है. वहीं सत्ता पे काबिज आम आदमी पार्टी भी दिल्ली में तीसरी बार सत्ता में आने जोर आजमाईश करते नजर आ रही है. आम आदमी पार्टी भी दिल्ली के लोगों कें हाल ही में विभिन्न योजनाओं की घोषणा की है. जिनमें महिला सम्मान योजना-पुजारी ग्रथी सम्मान योजनाएं सहित अन्य योजनाएं शामिल है.
DDA की बैठक में एलजी हुए शामिल