शेयर बाजार/व्यापार

FPI का बढ़ा भारतीय बाजार पर भरोसा, 38,000 करोड़ का किया निवेश

एफपीआई ने इस महीने फिर से भारतीय इक्विटी बाजारों में अपनी निवेश गतिविधि में वृद्धि दिखाई है. जिसमें 38,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है, जो मुख्य रूप से वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में अनुकूल बदलाव और मजबूत घरेलू व्यापक आर्थिक दृष्टिकोण से प्रोत्साहित है.

पिछले हफ्ते शेयर बाजार में 188 अंकों की बढ़त दर्ज की गई, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स 73 अंकों की बढ़त पर बंद होने में कामयाब रहा. पिछले हफ्ते सेंसेक्स और निफ्टी में 0.25 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. इस बीच 50 से ज्यादा स्मॉल कैप शेयरों ने निवेशकों को 10 से 40 फीसदी तक का रिटर्न दिया है. रिलायंस ग्रुप के रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर जैसे शेयर पिछले हफ्ते के टॉप गेनर्स की लिस्ट में शामिल हुए हैं.

इन दोनों कंपनियों के अलावा ई-मुद्रा, स्वान एनर्जी, वाडीलाल इंडस्ट्रीज, कैपेसिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट्स, धानी सर्विसेज, प्राज इंडस्ट्री, फोर्स मोटर्स, सफायर फूड्स इंडिया, आर्टेमिस मेडिकल, स्किपर, जेएसडब्ल्यू होल्डिंग्स, वैरॉक इंजीनियरिंग, बीईएमएल, फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज, कोचीन शिपयार्ड. पिछले हफ्ते नॉवेल्टी, मोटल होटल जैसे स्मॉल कैप शेयरों ने बंपर रिटर्न देकर निवेशकों को मालामाल कर दिया है.

डिपॉजिटरी डेटा के मुताबिक फरवरी में निवेश को बढ़ावा मिला है. यह निवेश फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये के मामूली निवेश और जनवरी में 25,743 करोड़ रुपये के बड़े पैमाने पर निकासी के बाद आया है. इसके साथ ही 2024 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का निवेश अब तक इक्विटी में 13,893 करोड़ रुपये और डेट बाजार में 55,480 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.

हालाँकि, पिछले सप्ताह FPI मामूली रूप से ही सही, 314 मिलियन अमेरिकी डॉलर के शुद्ध विक्रेता बने. इसका श्रेय काफी हद तक एफपीआई द्वारा अपनाए गए सतर्क रुख को दिया जा सकता है. इक्विटी के अलावा एफपीआई ने इस महीने (22 मार्च तक) डेट मार्केट में 13,223 करोड़ रुपये का भारी निवेश किया है. यह ब्लूमबर्ग द्वारा अगले साल 31 जनवरी से अपने उभरते बाजार (ईएम) स्थानीय मुद्रा सरकारी सूचकांक और संबंधित सूचकांकों में भारत के बांडों को शामिल करने की घोषणा की पृष्ठभूमि में आया है.