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सीपी राधाकृष्णन बने भारत के नये उपराष्ट्रपति, बी सुदर्शन रेड्डी को हराया, जानिये उनके बारे में….

नई दिल्ली। देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन का चयन कर लिया गया है। उपराष्ट्रपति चुनाव में राधाकृष्णन ने विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को हराया। लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों द्वारा हुए मतदान में राधाकृष्णन को कुल 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए। इस चुनाव में कुल 767 सांसदों ने मतदान किया, जिनमें से 15 वोट अमान्य घोषित किए गए।

राजनीतिक सफर की शुरुआत

सीपी राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले में हुआ। वे मात्र 17 वर्ष की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे। इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाना शुरू किया। 1998 में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव जीता और कोयंबटूर से सांसद बने। यह जीत खास थी, क्योंकि इससे पहले हुए कोयंबटूर बम धमाकों के बाद राज्य की राजनीति में भाजपा की पैठ बनाना चुनौतीपूर्ण माना जा रहा था। 1999 में भी वे दोबारा सांसद बने।

बीजेपी संगठन में अहम भूमिका

2004 से 2007 तक राधाकृष्णन तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने राज्य में पार्टी संगठन को मजबूत करने पर काम किया। वे भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य भी रहे और कई बार पार्टी की केंद्रीय बैठकों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई।2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भी उन्होंने कोयंबटूर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। 2014 में उन्होंने 3.89 लाख से ज्यादा वोट हासिल किए और दूसरे स्थान पर रहे।

सरकारी दायित्व और योगदान

राधाकृष्णन ने 2016 से 2020 तक केंद्र सरकार के अधीन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के अंतर्गत कोयर बोर्ड के चेयरमैन के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने कोयर उद्योग को आधुनिक बनाने और निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में कई कदम उठाए।साल 2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। यहां उन्होंने आदिवासी समुदायों के सशक्तिकरण और शिक्षा को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया। फरवरी 2024 में वे महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल बने। राज्यपाल रहते हुए उन्होंने न केवल राज्य सरकार के साथ सहयोगपूर्ण संबंध बनाए, बल्कि विपक्षी दलों के नेताओं से भी संवाद की नीति अपनाई।

अब उपराष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी

अब 67 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में अपनी नई भूमिका निभाएंगे। उपराष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के साथ ही वे राज्यसभा के सभापति भी बनेंगे और ऊपरी सदन के सुचारु संचालन की जिम्मेदारी उनके कंधों पर होगी।

विशेषज्ञ मानते हैं कि उनका लंबा राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव संसद की कार्यप्रणाली को मजबूती देगा। एनडीए के लिए यह नतीजा एक बड़ी सफलता है, वहीं विपक्ष के लिए यह चुनावी परिणाम एक झटका साबित हुआ है।